नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) देश भर में एनसीईआरटी की 4.71 लाख से अधिक नकली किताबें वर्ष 2024 और 2025 के दौरान जब्त की गई हैं। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बुधवार को राज्यसभा को दी।
जयंत चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया, “एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों की पायरेसी की घटनाएं देश के विभिन्न हिस्सों से सामने आई हैं। वर्ष 2024 और 2025 के दौरान विभिन्न राज्यों में छापों के दौरान एनसीईआरटी की लगभग 4.71 लाख नकली पुस्तकें जब्त की गईं। पायरेसी का मुख्य कारण असामाजिक तत्वों द्वारा इसका व्यावसायिक दोहन है।”
मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी का मुख्य उद्देश्य छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तकें बेहद सस्ती दरों पर पहुंचाना है और यह कार्य ‘न लाभ, न हानि’ के सिद्धांत पर आधारित है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि बीते एक वर्ष में एनसीईआरटी ने देशभर में 29 स्थानों पर छापेमारी की । यह छापेमारी नकली किताबें छापने वाले, गैरकानूनी एनसीईआरटी वॉटरमार्क पेपर के उत्पादक आदि के परिसरों पर की गई और इनसे संबंधित मशीनरी को जब्त किया गया। इस दौरान 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सामग्री जब्त की गई।
उन्होंने कहा, “पायरेसी की जड़ पर प्रहार करने के लिए एनसीईआरटी ने कई सक्रिय कदम उठाए हैं, जिनमें एनसीईआरटी किताबों की कीमतों में 20 प्रतिशत की कटौती, समय पर किताबों की छपाई, बेहतर कागज और प्रिंटिंग गुणवत्ता, आधुनिक मशीनों का उपयोग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
चौधरी ने यह भी बताया कि पायरेसी को रोकने के लिए आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित और पेटेंटयुक्त एक तकनीक-आधारित एंटी-पायरेसी समाधान का छठी कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक की 10 लाख प्रतियों पर प्रायोगिक परीक्षण भी किया गया है।
भाषा मनीषा माधव
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