नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के भीतर लंबे समय से चल रहा विवाद अब खत्म होने की ओर बढ़ता दिख रहा है क्योंकि कार्यकारी परिषद के अधिकांश सदस्यों के रघुराम अय्यर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्ति को मंजूरी देने की उम्मीद है।
विरोध कर रहे कार्यकारी परिषद के इन सदस्यों ने जनवरी 2024 में आईओए अध्यक्ष पीटी उषा द्वारा की गई अय्यर की नियुक्ति को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था जिसका मुख्य कारण सीईओ के लिए 20 लाख रुपये प्रति माह का वेतन और अन्य भत्ते थे।
कार्यकारी परिषद की सितंबर 2024 में हुई बैठक में भी इसका हल नहीं निकला जिसमें अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के एक अधिकारी ने वर्चुअल रूप से भाग लिया था।
पता चला है कि खेल मंत्रालय के आग्रह पर सुलह होने वाली है।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘कार्यकारी परिषद के सदस्य अय्यर की नियुक्ति पर सहमति जताने के लिए सहमत हो गए हैं और इसकी घोषणा बृहस्पतिवार को होने की संभावना है। ’’
विरोध कर रहे कार्यकारी परिषद के सदस्य बुधवार शाम को अनौपचारिक रूप से बैठक कर रहे हैं। वहीं बृहस्पतिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई है जिसमें उषा और अधिकांश कार्यकारी परिषद सदस्य मौजूद रहेंगे।
कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने कहा, ‘‘उषा और कार्यकारी परिषद के विरोधी सदस्यों के बीच कम से कम कामकाजी संबंध तो होना ही चाहिए इसलिए सुलह की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भारतीय खेलों की भलाई के लिए कर रहे हैं, विशेषकर 2036 ओलंपिक की मेजबानी की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए। ’’
सितंबर 2024 से कार्यकारी परिषद की कोई बैठक नहीं हुई है और मार्च 2023 से सालाना आम सभा की कोई बैठक नहीं हुई है।
उषा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद आईओए को संविधान के अंतर्गत एक सीईओ नियुक्त करने में काफी समय लगा। यह प्रक्रिया आईओसी की चेतावनियों के बाद शुरू हुई। लेकिन जब नियुक्ति हुई तो कार्यकारी समिति के 12 सदस्यों ने अय्यर को इस पद के लिए अनुमोदित करने से इनकार कर दिया।
भाषा नमिता सुधीर
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