नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह को हटाने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विजय शाह के बयान से अलगाववादी भावनाएं भड़कने और देश की एकता को खतरा है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘मंत्री का यह बयान कि कर्नल सोफिया कुरैशी उस आतंकवादी की बहन हैं जिसने पहलगाम में हमला किया था, यह किसी भी मुस्लिम व्यक्ति पर आरोप लगाकर उसमें अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है, जिससे भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरा है। यह टिप्पणी सीधे तौर पर भारत के संविधान की अनुसूची तीन के तहत ली गई शपथ का उल्लंघन है।’’
शीर्ष अदालत ने 28 मई को विजय शाह की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में कार्यवाही को बंद करने का आदेश देते हुए कहा कि वह इस मामले पर गौर करेगी।
शीर्ष अदालत ने अपने पूर्व के आदेश के अनुपालन में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से वस्तु स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
शीर्ष अदालत ने 19 मई को, विजय शाह को फटकार लगाई और उनके खिलाफ दर्ज मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया।
विजय शाह उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए जब एक वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित हुआ, जिसमें उन्हें कर्नल कुरैशी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देखा गया था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रेस वार्ता के दौरान कर्नल कुरैशी और एक अन्य महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश को जानकारी दी थी।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने विजय शाह को कर्नल कुरैशी के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी करने और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई, और पुलिस को द्वेष और नफरत को बढ़ावा देने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
कड़ी निंदा के बाद विजय शाह ने खेद व्यक्त किया और कहा कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी अधिक सम्मान करते हैं।
भाषा आशीष धीरज
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