जयपुर, 23 जुलाई (भाषा) पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दिए जाने पर बुधवार को एक बार फिर सवाल उठाया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा देश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी केवल राजनीतिक दलों की नहीं बल्कि जनता को भी आगे आकर सच्चाई का साथ देना होगा।
गहलोत ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से कहा,“जो व्यक्ति (जगदीप धनखड़) पंद्रह दिन पहले तक यह कह रहे थे कि 2027 तक पद पर रहूंगा… क्या कारण है कि अचानक उनका इस्तीफा हो गया?”
उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है और स्थिति ऐसी हो गई है कि अब यह कहना मुश्किल हो गया है कि देश किस दिशा में जा रहा है। उन्होंने सवाल किया, ‘अब लोकतंत्र कहां रह गया है?’
गहलोत ने कहा, ‘चाहे वह धनखड़ साहब का इस्तीफा दिए जाने का तरीका हो, या समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्दों को (संविधान की प्रस्तावना से हटाने) की हो रही मांग हो, या आयकर, ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग हो, या निर्वाचन आयोग का दबाव में काम करना हो… तो ऐसे में लोकतंत्र कैसे चलेगा?’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ये खाली राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी नहीं है, आम जनता की जिम्मेदारी भी है कि वो साथ निभाएं, सच्चाई जिसके साथ है, उनका साथ दें। जब तक हम उस रूप में आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक ये भाजपा, आरएसएस की दादागिरी चलती रहेगी और इस देश को भुगतना पड़ेगा।’
गहलोत ने यह भी कहा कि धनखड़ ने किस कारण से इस्तीफा दिया यह तो वह या उनकी अंतरात्मा ही जानती है।
उन्होंने इस्तीफे के कारणों पर सवाल उठाते हुए कहा,“मेरी दृष्टि में उनका स्वास्थ्य ठीक था, दिन भर उन्होंने काम भी किया,अचानक क्या हुआ कि शाम को इस्तीफा हो गया, अचानक क्या हुआ? और पूरा देश चौंक गया कि ये क्या हुआ, ये नौबत क्यों आई?’
धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की भी आलोचना की।
भाषा पृथ्वी नोमान
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