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Thursday, July 24, 2025

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ‘ऑपरेशन सेल’ का गठन किया

Newsदिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 'ऑपरेशन सेल' का गठन किया

(भास्कर मुखर्जी)

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों की एक विशेष टीम ‘ऑपरेशन सेल’ का गठन किया है जो सोशल मीडिया, ‘डार्क वेब’ पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखेगी। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि नवगठित इकाई ‘ऑपरेशन सेल’ पुलिस की आतंकवाद-रोधी इकाई, विशेष प्रकोष्ठ के अधीन कार्य करेगी।

पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) अमित कौशिक ने बताया कि ‘ऑपरेशन सेल’ खालिस्तानी आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों की निगरानी के लिए विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ध्यान केंद्रित करेगा।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े वांछित अपराधी आकाशदीप को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि आकाशदीप कई मामलों में वांछित था, जिसमें सात अप्रैल को पंजाब के बटाला में किला लाल सिंह पुलिस थाने पर ग्रेनेड हमला और दिल्ली में अपराधियों को अवैध हथियारों की आपूर्ति शामिल है।

पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सेल ने काम करना शुरू कर दिया है और बेहतर परिणाम दे रहा है।’’

पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विशेषज्ञ टीम बम से संबंधित कॉल और ईमेल के लिए डार्क वेब की भी जांच करेगी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि टीम को संदिग्ध ऑनलाइन सामग्री, प्रतिबंधित संगठनों के डिजिटल फुटप्रिंट्स और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली किसी भी सामग्री की चौबीसों घंटे निगरानी का काम सौंपा गया है।

अधिकारी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सेल’ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की ऑनलाइन गतिविधियों पर 24 घंटे कड़ी निगरानी रखेगा, जिसमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल, विदेशों में मौजूद भारतीय गैंगस्टर और कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल नेटवर्क शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘यह प्रकोष्ठ आतंकवादी समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल और इंटरनेट-आधारित संचार पर सक्रिय रूप से नजर रखेगा। किसी भी संदिग्ध पोस्ट या डिजिटल सामग्री को तुरंत चिह्नित किया जाएगा और वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया जाएगा।’’

अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादी संगठनों द्वारा कट्टरपंथ, भर्ती और संचार के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों के बढ़ते उपयोग ने एक विशेष निगरानी प्रकोष्ठ के गठन को आवश्यक बना दिया है।

‘डार्क वेब’ इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है जो नियमित सर्च इंजनों (गूगल आदि) की पहुंच से बाहर है।

भाषा रवि कांत रवि कांत सुभाष

सुभाष

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