नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव की आलोचनात्मक टिप्पणी को लेकर बुधवार को इस कवायद की आलोचना की और कहा कि जब सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ही इस पर चिंता जताते हैं तो इससे ‘‘इस अभियान की सड़ांध उजागर होती है।’’
मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि यह टिप्पणी ‘‘चुनावी धोखाधड़ी’’ के पैमाने और गंभीरता को दर्शाती है।
कांग्रेस का यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब यादव ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग राय जताते हुए बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठाया और कहा कि इससे पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के नतीजों पर सवाल उठेंगे।
यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि निर्वाचन आयोग को पुनरीक्षण कवायद को कम से कम छह महीने के लिए स्थगित कर देना चाहिए ताकि पात्र मतदाताओं को आवश्यक प्रमाण दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और उन लोगों का नाम हटाया जा सके जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है।
यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘बिहार में संदिग्ध विशेष गहन पुनरीक्षण और अन्य राज्यों में होने वाली प्रस्तावित कवायद विपक्ष द्वारा केवल ‘राजनीतिक प्रचार’ नहीं है, जैसा कि भाजपा दावा करती है। यह कांग्रेस या विपक्ष द्वारा गढ़ा गया कोई विमर्श नहीं है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा कि मतदाताओं की जायज आशंका है कि यह चुनावी नतीजों में हेरफेर करने के लिए सोची-समझी ‘‘वोटबंदी’’ की कवायद है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जब राजग के सहयोगी खुद ही चिंता जताते हैं, तो इससे इस पूरी प्रक्रिया की जड़ में छिपी सड़ांध उजागर हो जाती है। ये बयान संयोग नहीं हैं-ये इस चुनावी धोखाधड़ी के पैमाने और गंभीरता को दर्शाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में स्वतंत्र और पारदर्शी जांच से यह पता चल जाएगा कि असल में क्या है: निर्वाचन आयोग की निगरानी में बड़े पैमाने पर वोटों की चोरी हो रही है।’’
यादव ने सवाल किया कि अगर मतदाता सूची लोकसभा चुनाव के लिए सही थी, तो कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यह गलत कैसे हो सकती है?
बांका से लोकसभा सदस्य यादव ने कहा, ‘‘क्या मुझे गलत मतदाता सूची के आधार पर चुना गया है? इससे पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इस ‘‘जल्दबाज़ी’’ वाली प्रक्रिया के कारण बिहार से बाहर रहने वाले लाखों प्रवासी अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।
विशेष गहन पुनरीक्षण को अपनी पार्टी के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि वह एक लोकसभा सदस्य के रूप में अपनी स्वतंत्र राय व्यक्त कर रहे हैं।
भाषा आशीष नेत्रपाल
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