शिमला, 23 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दो कंपनियों जय सिंह ठाकुर एंड संस और बलबीर सिंह सूपा राम के खिलाफ अवैध और अवैज्ञानिक खनन की शिकायत का निपटारा कर दिया है। अधिकरण ने पाया कि इन कंपनियों ने उसके पूर्व निर्देशों का ‘‘पर्याप्त ढंग से’’ अनुपालन किया है।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने मामले की जांच करने और उल्लंघन पाए जाने पर निवारक कार्रवाई करने के लिए तीन मई, 2023 को एक संयुक्त समिति का गठन किया था।
अधिकरण का विस्तृत आदेश बुधवार को उसकी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया।
अधिकरण ने यह फैसला दिनेश कुमार की उस शिकायत पर दिया, जिसमें आरोप लगाया था कि दोनों कंपनियां हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के बनौर गांव में अवैध खनन कर रही हैं।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर, अधिकरण ने पांच अक्टूबर, 2023 को विविध आवेदन (एमए) का निपटारा कर दिया। समिति ने बाढ़ के दौरान मलबे के बहाव को रोकने के लिए संरचना की ऊंचाई बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
विविध आवेदन (मिसलेनियस एप्लीकेशन) एक कानूनी कार्यवाही में दायर किया जाने वाला एक सामान्य आवेदन है।
संयुक्त समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची कि भविष्य में बाढ़ आने पर मलबा बहने की आशंका है तथा पहले निर्मित संरचना में खनन अपशिष्ट जमा हो चुका है।
अनुपालन रिपोर्ट से पता चला कि जय सिंह ठाकुर एंड संस की चूना पत्थर खदान में 60 प्रतिशत संरक्षण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि बलबीर सिंह सूपा राम 24 जून, 2023 से बंद है।
अधिकरण ने कहा, ‘‘अनुपालन रिपोर्टों के मद्देनजर, हम पाते हैं कि अधिकरण के आदेश का काफी हद तक अनुपालन किया गया है।’’
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश