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Thursday, July 24, 2025

विपक्ष एसआईआर पर झूठा विमर्श गढ़ रहा, लोगों में डर पैदा कर रहा : चिराग पासवान

Newsविपक्ष एसआईआर पर झूठा विमर्श गढ़ रहा, लोगों में डर पैदा कर रहा : चिराग पासवान

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े निर्वाचन आयोग के फैसले पर ‘‘राजनीति’’ करने और ‘‘झूठा विमर्श’’ गढ़ने का बुधवार को आरोप लगाया। उन्होंने विपक्षी दलों पर लोगों में भय पैदा करके मत हासिल करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

चिराग ने कहा कि सरकार बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ समेत किसी भी मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने कहा कि भारत के अगले उपराष्ट्रपति पर फैसला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी सहयोगी दलों द्वारा आम सहमति से लिया जाएगा।

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर चिराग ने कहा कि बिहार में भाजपा, जद (यू) और अन्य सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू नहीं हुई है।

चिराग ने अपने उस बयान को भी स्पष्ट करने की कोशिश की, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोजपा (आरवी) बिहार की सभी 243 सीट पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगी होने के नाते सभी सीट पर राजग की जीत सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है।

बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर के बारे में पूछे जाने पर चिराग ने कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर ‘‘राजनीति’’ कर रहे हैं और ‘‘झूठा विमर्श’’ गढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल हर चुनाव के बाद मतदाता सूची में अनियमितताओं की शिकायत करते रहे हैं।

चिराग ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस कवायद (एसआईआर) को लेकर बिहार के मतदाताओं को भयभीत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कोई नयी बात नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दल मतदाताओं को डराकर वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’

चिराग ने कहा कि यदि विपक्ष को इतनी ही चिंता है, तो उन्हें संसद की कार्यवाही को चलने देना चाहिए और एसआईआर मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर चिराग ने कहा, ‘‘राजग के सभी सहयोगी एक साथ बैठेंगे और भारत के अगले उपराष्ट्रपति पर सर्वसम्मति से फैसला लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

भाषा देवेंद्र पारुल

पारुल

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