(अदिति खन्ना)
लंदन, 23 जुलाई (भाषा) ब्रिटेन में प्रवासी भारतीय समूह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह यात्रा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने और भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नवीनीकृत करने के इर्द-गिर्द केंद्रित है।
भारतीय समुदाय के नेताओं, छात्रों और सांसदों के कई समूह मोदी के स्वागत के लिए लंदन के बाहरी इलाके में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते को लेकर उत्साह व्यक्त किया, जिस पर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान हस्ताक्षर होने की संभावना है।
मोदी ने बुधवार को प्रस्थान से पहले अपने वक्तव्य में कहा, ‘प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर के साथ मेरी बैठक के दौरान, हमें अपनी आर्थिक साझेदारी को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों में समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।’
अपनी यात्रा के दौरान मोदी महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी उनके शाही आवास में मुलाकात करेंगे।
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) प्रवासी समूह के अध्यक्ष कुलदीप शेखावत ने कहा, ‘यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण यात्रा है, क्योंकि भारत और ब्रिटेन के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हो रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘यह दोनों सरकारों के लिए और खासकर प्रवासी भारतीयों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो इतने वर्षों बाद प्रधानमंत्री को यहां देखने के लिए उत्साहित हैं। वह फिर से एक बहुत ही संक्षिप्त यात्रा पर यहां आ रहे हैं, लेकिन कम से कम हमें उनका अभिवादन करने का मौका तो मिलेगा।’
यह मोदी की ब्रिटेन की चौथी यात्रा होगी। इससे पहले, उन्होंने 2015, 2018 और 2021 में स्कॉटलैंड में सीओपी26 शिखर सम्मेलन के लिए ब्रिटेन की यात्रा की थी।
प्रमुख ब्रिटिश-भारतीय उद्यमी और ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने इस रिश्ते में आशावाद, ऊर्जा और उत्साह का नया संचार किया है। हमारे देशों के बीच बहुत कुछ हो रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 वर्षों में भारत ने बहुत तरक्की की है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, अब हम बराबरी पर हैं। यह मुक्त व्यापार समझौता दुनिया के लिए और ब्रिटेन के लिए अच्छा होगा, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और ब्रिटिश अर्थव्यवस्था उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रही है, लेकिन अब हम साथ मिलकर विकास कर सकते हैं।’
भाषा आशीष पारुल
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