नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने नौसेना को हाल में स्वदेशी डिजाइन वाले 100वें जहाज की आपूर्ति की बुधवार को सराहना करते हुए इसे न केवल संख्या के लिहाज से बड़ी उपलब्धि बताया, बल्कि इसे समुद्री आत्मनिर्भरता, तकनीकी उत्कृष्टता और रणनीतिक दूरदर्शिता की दिशा में भारत की यात्रा का एक ‘प्रतीकात्मक प्रमाण’ भी करार दिया।
त्रिपाठी ने नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित ‘जहाज निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण’ संबंधी एक संगोष्ठी में डिजिटल माध्यम से दिए गए अपने संबोधन में यह बात कही।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नौसेना प्रमुख ने नौसेना के ‘विजन 2047’ को सामने रखा, जिसका उद्देश्य ‘आविष्कार, नवाचार, स्वदेशीकरण और विशिष्ट एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण’ पर नेतृत्व-संचालित फोकस के माध्यम से इसे ‘आत्मनिर्भर’ बल में बदलना है।
संगोष्ठी में एक जुलाई को वाई12652; (उदयगिरि) की आपूर्ति का भी स्मरण किया गया, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, क्योंकि यह भारतीय नौसेना और युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा राष्ट्र को दिया गया 100वां युद्धपोत था।
भाषा आशीष पारुल
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