कोलकाता, 23 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय को गृह विभाग के नियंत्रण से अलग करके उसकी पूर्ण “वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता” सुनिश्चित करने के निर्वाचन आयोग के हालिया निर्देश को चुनौती देने के लिए कानूनी सलाह लेने पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार इस कदम को प्रशासनिक आवश्यकता के बजाय राजनीति से प्रेरित मान रही है और इसलिए इसे उचित तरीके से चुनौती देने पर विचार कर रही है।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “निर्वाचन आयोग स्वतंत्र होने के बावजूद राज्य की संरचनाओं को नियंत्रित करने वाले प्रशासनिक मानदंडों और संवैधानिक ढांचे को दरकिनार नहीं कर सकता। इस तरह के एकतरफा निर्देश राज्य प्रशासन में हस्तक्षेप के समान हैं। हम इस निर्देश की संवैधानिक वैधता का मूल्यांकन कर रहे हैं और कानूनी सलाह के आधार पर अगले कदम पर फैसला करेंगे।”
निर्वाचन आयोग के अवर सचिव आशुतोष एम ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र भेजकर कहा था कि सीईओ कार्यालय को गृह विभाग से अलग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा था, “वर्तमान में सीईओ कार्यालय की वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता सीमित है। गृह विभाग के अधीन होने से चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित होती है। एक अलग, स्वायत्त चुनाव विभाग बनाया जाना चाहिए।”
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाषा पारुल रवि कांत