जयपुर, 24 जुलाई (भाषा):
राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर राज्य में छात्र संघ चुनावों में हो रही देरी को लेकर चिंता जताई। इस पर गहलोत ने कहा कि छात्र राजनीति को नजरअंदाज किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
गहलोत ने आरोप लगाया कि 2003 से 2008 तक भाजपा शासन के दौरान छात्र संघ चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने 2010 में इन चुनावों को दोबारा शुरू किया। हालांकि, कोविड-19 महामारी के चलते 2020 में चुनाव फिर से रोक दिए गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने 2022 में चुनाव प्रक्रिया पुनः शुरू करने का निर्णय लिया, लेकिन 2023 में विधानसभा चुनाव और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के कार्यान्वयन के कारण कॉलेज परिसरों को अस्थायी रूप से अधिग्रहित किया गया, जिससे चुनाव फिर स्थगित हो गए।
उन्होंने कहा, “दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद भी छात्र संघ चुनाव अब तक बहाल नहीं किए गए हैं।”
गहलोत ने छात्र संघ चुनावों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए इन्हें जल्द शुरू करने की मांग का समर्थन किया।
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