कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस नेता और कोलकाता के उप महापौर अतिन घोष एवं पार्टी के निलंबित नेता शांतनु सेन के बीच वर्चस्व की लड़ाई उत्तरी कोलकाता में सड़क पर झड़पों में बदल गई, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
इस घटना से 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में गुटीय दरारें उजागर हो गईं।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार सुबह से सिंथी क्षेत्र में काशीपुर-बेलगछिया से विधायक घोष और पूर्व राज्यसभा सदस्य सेन के समर्थकों के बीच कई बार झड़पें हुईं। दिन भर हिंसा बढ़ती गई, जिसका समापन सेन के आवास के बाहर देर रात तक हुई झड़प में हुआ, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित झड़पों के वीडियो में महिलाओं सहित लोगों का एक बड़ा समूह सेन के आवास के सामने प्रदर्शन करता हुआ दिखाई दे रहा है। ज़ोरदार नारे सुने जा सकते हैं: ‘आपने लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार क्यों किया? शांतनु सेन, हमें जवाब दो!’
निलंबित नेता पर ऐसी कथित पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगातार लगाया जा रहा है।
टिप्पणी के लिए अतिन घोष से संपर्क करने की कोशिशें नाकाम रहीं।
पत्रकारों द्वारा संपर्क किए जाने पर सेन ने कहा, ‘मैं मीडिया में इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मैंने स्थानीय प्रशासन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। मुझे अधिकारियों पर पूरा भरोसा है। सीसीटीवी फुटेज से पता चल जाएगा कि कौन आया था और क्या हुआ था।’
दोनों गुटों ने कथित तौर पर सिंथी पुलिस स्टेशन में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन बृहस्पतिवार दोपहर तक किसी की गिरफ्तारी या हिरासत की पुष्टि नहीं हुई है। मौके पर मौजूद सूत्रों ने दावा किया कि झड़प की शुरुआत घोष के प्रति वफादार एक वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता पर कथित हमले के कारण हुई।
आरजी कर अस्पताल विवाद के दौरान सार्वजनिक रूप से हुए बहस के बाद पिछले साल शांतनु सेन को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
भाषा आशीष रंजन
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