मुंबई, 24 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेता सचिन सावंत ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से शुरू की गई जल शोधन परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और कहा कि पूरी प्रणाली बिचौलियों के प्रभाव में आ गई है।
सावंत ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रमुख जल उपचार संयंत्रों, विशेष रूप से 4,376 करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 एमएलडी भांडुप कॉम्प्लेक्स और 2,100 करोड़ रुपये मूल्य के 910 एमएलडी पंजरापोल संयंत्र की निविदा प्रक्रियाओं से जुड़ी कथित अनियमितताओं की गहन जांच की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए निविदा प्रक्रियाओं में हेराफेरी की गई है।
सावंत ने दावा किया, ‘बीएमसी मौजूदा महायुति सरकार में भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है। महानगरपालिका के अधिकारियों पर अनुचित राजनीतिक दबाव है और बिचौलियों को मंत्रालय और महानगरपालिका मुख्यालय, दोनों में खुली पहुंच है।’
उन्होंने कहा कि निविदा आवंटन और परियोजना क्रियान्वयन से संबंधित निर्णय बाहरी एजेंटों द्वारा प्रभावित किए जा रहे हैं और अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है।
सावंत ने आरोप लगाया, ‘यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं है, बल्कि यह एक संगठित व्यवस्था है, जो सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को बढ़ावा देती है। बीएमसी के महत्वपूर्ण अनुबंधों में सियासी हलकों में प्रभाव रखने वाले बिचौलियों की संलिप्तता एक गहरी सांठगांठ की ओर इशारा करती है।’
कांग्रेस नेता ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने सार्वजनिक परियोजनाओं में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्य और केंद्रीय एजेंसियों से तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
भाषा आशीष पारुल
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