नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारत ने व्यापार समझौते के तहत ब्रिटेन के वाहन निर्यातकों को केवल बड़े पेट्रोल और डीजल तथा महंगे इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क में रियायतें दी हैं। वहीं घरेलू वाहन उद्योग के संवेदनशील क्षेत्रों, खासकर मध्यम और छोटी कारों और कम कीमत वाले ईवी को संरक्षण दिया है।
समझौते के पहले पांच साल में इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) पर बृहस्पतिवार को लंदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
समझौते के अनुसार, शुल्क व्यवस्था के तहत दोनों पक्षों के वाहनों के आयात पर शुल्क कोटा के तहत लगभग 10 प्रतिशत हो जाएगा, जो वर्तमान में लगभग 110 प्रतिशत है।
प्रस्तावित कोटा और शुल्क में छूट बड़ी इंजन क्षमता श्रेणियों (3,000 सीसी पेट्रोल / 2,500 सीसी डीजल से ऊपर) पर अधिक है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करता है कि घरेलू क्षेत्र को अपने मजबूती वाले क्षेत्र छोटे (1,500 सीसी तक) और मध्यम खंड (1,500-3,000 सीसी पेट्रोल / 2,500 सीसी तक डीजल) में विस्तार, नवोन्मेष और वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिले।’’ उन्होंने कहा कि शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत करने का काम कोटा के साथ पांच वर्षों में किया जाएगा।
कोटा से बाहर शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती 10 साल में की जाएगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘रियायती व्यवस्था मुख्यतः बड़े इंजन वाले आईसीई (पेट्रोल, डीजल से चलने वाले) वाहनों और उच्च मूल्य सीमा वाले ईवी पर ब्रिटेन के निर्यातकों को बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए है। साथ ही यह भारत के वाहन उद्योग के संवेदनशील क्षेत्रों (मध्यम और छोटे आकार के इंजन क्षमता वाले पेट्रोल, डीजल वाहन और मध्यम और कम मूल्य सीमा वाले ईवी) का संरक्षण भी करती है।’’
समझौते के विवरण के अनुसार, पेट्रोल, डीजल (आईसीई) इंजन वाले वाहनों की संख्या में से छठे वर्ष से रियायत प्राप्त करने वाले ईवी वाहनों की संख्या घटा दी जाएगी, ताकि शुल्क छूट के 15 वर्षों के अंत में कुल कोटा मात्रा 37,000 इकाइयों को बनाए रखा जा सके।
चालीस हजार ब्रिटिश पाउंड (लगभग 46.5 लाख रुपये) से कम कीमत वाले वाहनों के लिए कोई बाजार पहुंच नहीं प्रदान की गयी है। इससे बड़े पैमाने पर बाजार में आने वाले इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र को पूर्ण सुरक्षा मिलती है, जिसमें भारत वैश्विक नेतृत्व चाहता है।
ईवी में बाजार पहुंच मुख्यतः 80,000 ब्रिटिश पाउंड (लगभग 93.5 लाख रुपये) से अधिक कीमत वाले महंगे वाहनों के लिए दी गयी है।
सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत ने ब्रिटेन के बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों पर ब्रिटेन को दी गई रियायत से चार गुना ज्यादा बाजार पहुंच हासिल की है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने व्यापार समझौते के तहत वाहन क्षेत्र में ब्रिटेन को संतुलित बाजार पहुंच की पेशकश की है।
भारत की प्रतिबद्धता एक सुनियोजित, चरणबद्ध और विकास उन्मुख कोटा-आधारित उदारीकरण रणनीति है।
यह पेशकश विशेष रूप से यात्री वाहनों की पूर्णतः विनिर्मित इकाइयों (सीबीयू) पर लागू होती है, जिसमें पेट्रोल, डीजल इंजन वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और हाइड्रोजन-चालित वाहन भी शामिल हैं।
भाषा रमण अजय
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