नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) बेंगलुरु की एक विशेष एनआईए अदालत ने 2020 में केजी हल्ली पुलिस थाने पर हिंसक भीड़ के हमले से जुड़े मामले में तीन लोगों को बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया और उन्हें सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
अदालत ने दोषियों-सैयद इकरामुद्दीन, सैयद आसिफ और मोहम्मद आतिफ पर जुर्माना भी लगाया।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 12 अगस्त 2020 को हथियारों से लैस लगभग 600-800 प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने बेंगलुरु के केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के गेट को तोड़ने की कोशिश की।
बयान के मुताबिक, भीड़ ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में एक फेसबुक पोस्ट में कुछ अभद्र टिप्पणी करने वाले एक व्यक्ति पर हमले से रोकने के लिए पुलिस कर्मियों को जान से मारने की धमकी दी।
बयान में कहा गया है कि हमले के दौरान, तीनों दोषियों, जो प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के समर्थक हैं, ने समाज में आतंक और दहशत फैलाने के लिए संगठन के जिला नेताओं के साथ रची गई साजिश के तहत पुलिस थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी।
भाषा आशीष पारुल
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