शिलांग, 25 जुलाई (भाषा) मेघालय के दो कोयला डिपो राजाजू गांव और डिएंगगन गांव से अवैध रूप से खनन किया गया लगभग 4,000 मीट्रिक टन (एमटी) कोयला गायब हो गया, जबकि आधिकारिक सर्वेक्षणों के माध्यम से पहले ही इस कोयला भंडार को दर्ज किया जा चुका था। मेघालय उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार और उसकी एजेंसियों से जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कहा है।
न्यायमूर्ति एचएस थांगख्यू की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने बृस्पतिवार को मामले की सुनवाई की। पीठ ने मामले में तीखी टिप्पणी करते हुए अधिकारियों से कोयले के गायब होने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या अधिकारियों की पहचान करने को कहा है। कोयला भंडार का पहले ही पता लगा लिया गया और इसे कार्रवाई के लिए चिह्नित किया गया था।
यह खुलासा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीपी केतकी समिति द्वारा प्रस्तुत 31वीं अंतरिम रिपोर्ट से हुआ है, जो राज्य में कोयला खनन और परिवहन के मुद्दों की निगरानी कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण (एमबीडीए) ने डिएंगगन में पहले 1,839.03 मीट्रिक टन कोयला दर्ज किया था लेकिन जमीनी सत्यापन के दौरान केवल 2.5 मीट्रिक टन कोयला पाया गया। वहीं, राजाजू में दर्ज 2,121.62 मीट्रिक टन कोयला में से केवल आठ मीट्रिक टन कोयला ही बचा था।
अदालत ने कहा कि इस अवैध कोयले का पता बहुत पहले ही लग गया था, फिर भी ‘‘अज्ञात व्यक्ति’’ कोयले को उठाकर ले जाने में कामयाब रहे, जिससे जमीनी स्तर पर नियमों की अनदेखी को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं।
पीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि जिन अधिकारियों की निगरानी में यह चूक हुई, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए।
गायब हो रहे कोयले के अलावा, रिपोर्ट में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के डिपो में जमा पुनर्मूल्यांकित और पुनः सत्यापित सूचीबद्ध कोयले के निपटान से जुड़े कई अनसुलझे मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया है।
न्यायालय के दो जून के आदेश के बाद, शेष सूचीबद्ध कोयले की नीलामी का एक अधिक विश्वसनीय और त्वरित गति वाला तरीका तैयार करने के लिए सीआईएल सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें की गईं।
सीआईएल ने चार प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिनमें से तीन पहले से ही संशोधित व्यापक योजना, 2022 का हिस्सा हैं, जबकि समिति ने दो नए खंड शामिल करने की सिफारिश की है, जिनके अनुसार 120 दिनों के भीतर पूरा भुगतान किया जाना चाहिए और पूर्ण भुगतान के 120 दिनों के भीतर कोयला उठा लिया जाना चाहिए।
भाषा सुरभि माधव
माधव