श्रीनगर, 25 जुलाई (भाषा) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने गाजा में इजराइली कार्रवाइयों की शुक्रवार को निंदा की और कहा कि वैश्विक समुदाय की ‘‘चुप्पी और निष्क्रियता निराशाजनक’’ है।
यहां जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब हम यहां शांति से इकट्ठा हुए हैं तो गाजा में हमारे भाइयों और बहनों के लिए हमारा दिल दुख रहा है, जो एक अभूतपूर्व मानवीय आपदा और भुखमरी का सामना कर रहे हैं। भोजन और सुरक्षा की तलाश में निर्दोष नागरिकों, खासकर बच्चों पर लगातार बमबारी की जा रही है। भुखमरी को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।’’
इस ‘बर्बरता’ की निंदा करते हुए, उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक समुदाय की चुप्पी और निष्क्रियता निराशाजनक है। इन अत्याचारों को, बच्चों और नागरिकों की हत्याओं को रोक पाने में दुनिया की विफलता मानवता की अंतरात्मा पर एक कलंक बनी रहेगी’’
हुर्रियत प्रमुख ने कहा कि आस्था रखने वाले लोगों के रूप में, ‘‘हम गाजा के उत्पीड़ित लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह उन्हें इस अभूतपूर्व संकट से बाहर निकाले।’’
मीरवाइज को दो सप्ताह बाद इस भव्य मस्जिद में नमाज़ अदा करने की अनुमति मिली थी।
उन्होंने कहा, ‘‘दो जुमे के बाद मुझे जामा मस्जिद में आने की अनुमति दी गई। मुझे जुमे पर जामा मस्जिद में आने से बार-बार रोकना पूरी तरह अवांछनीय है। यह लोगों के धार्मिक अधिकारों में सीधा हस्तक्षेप है, जो उन्हें और भी अलग-थलग कर देता है। इसका कोई और उद्देश्य नहीं है।’’
उन्होंने प्रशासन से इस तरह की कार्रवाइयों से बचने और लोगों को अपने मौलिक अधिकारों का पालन करने की आजादी देने का अनुरोध किया, जिसमें धर्म का पालन करने और जुमे का ख़ुतबा (उपदेश) सुनने का अधिकार भी शामिल है।
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Intern नरेश
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