नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर संसद में चर्चा कराना पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है और अन्य मुद्दों के अलावा एसआईआर को लेकर लगातार पांचवें दिन भी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि सदन चले। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा से भाग रही है। उन्होंने यह दावा भी किया कि एसआईआर अगले साल पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में भी किया जाना है।
डेरेक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों से बात कर रही है और निर्वाचन सदन का ‘‘घेराव’’ करने पर विचार कर सकती है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एसआईआर मुद्दा संसद में चर्चा के लिए तृणमूल कांग्रेस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को एक संवैधानिक संस्था के रूप में चुनाव कराने का अधिकार है, लेकिन हम वास्तविक नागरिकों, यानी मतदाताओं, को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने की इजाजत नहीं दे सकते। विपक्षी दल एकजुट हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। एसआईआर मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।’’
विपक्षी दलों का कहना है कि एसआईआर की कवायद, जिसके तहत मतदाताओं को नागरिकता का प्रमाण देना जरूरी है, कई लोगों को मताधिकार से वंचित कर देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘आप, लोगों को मतदाता सूची से हटाने की कोशिश कर रहे हैं, यह पूरी तरह से हस्तक्षेप और जबरदस्त धोखाधड़ी है।’’
डेरेक ने कहा कि विपक्षी दल संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे और निर्वाचन आयोग के कार्यालय (निर्वाचन सदन) का घेराव करने के विकल्प पर भी चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम समान विचारधारा वाले दलों से इस बारे में बात कर रहे हैं कि हमें निर्वाचन सदन का घेराव करना चाहिए।’’
तृणमूल नेता ने निर्वाचन आयोग पर ‘‘भाजपा के शाखा कार्यालय’’ की तरह काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग भाजपा के शाखा कार्यालय की तरह काम कर रहा है। वे लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। यह केवल बिहार के लिए नहीं है। यह पूरे देश में एक खतरनाक चाल है।’’
तृणूल नेता ने सवाल किया कि आयोग ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की आड़ में बंगाल से 1,000 बीएलओ (बूथ स्तर के अधिकारी) क्यों बुलाए हैं? उनके पास क्या कुटिल योजनाएं हैं?’’
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष चाहता है कि संसद की कार्यवाही चले और एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि संसद की कार्यवाही चले, हर विपक्षी दल चाहता है कि संसद की कार्यवाही चले।’’
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘हम एसआईआर पर किसी भी नियम के तहत चर्चा चाहते हैं। अगर सरकार इसकी अनुमति नहीं देती है, तो इसका मतलब है कि वे सदन में व्यवधान डालना चाहते हैं।’’
संसद के मानसून सत्र के पहले सप्ताह में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों में कामकाज नहीं हो सका क्योंकि विपक्षी दलों के सदस्यों ने चुनावी राज्य बिहार में जारी एसआईआर की कवायद रोकने की मांग को लेकर दोनों सदनों में हंगामा किया।
भाषा सुभाष माधव
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