गुवाहाटी, 25 जुलाई (भाषा) असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने शुक्रवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र देश में आर्थिक वृद्धि, रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहा है।
आचार्य ने ‘पूर्वोत्तर एमएसएमई सम्मेलन 2025’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर का इलाका एमएसएमई उद्यमों से खास तौर पर लाभान्वित हो सकता है, क्योंकि बांस, चाय और रेशम जैसे उत्पादों को ये उद्यम वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय उत्पाद बना सकते हैं।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने उद्योगपतियों से पूर्वोत्तर में अधिक निवेश करने का आग्रह भी किया।
राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी में एमएसएमई इकाइयां लाखों लोगों के लिए आजीविका का स्रोत हैं और कृषि के बाद हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
उन्होंने पूर्वोत्तर को प्राकृतिक संसाधनों, जैव विविधता और पारंपरिक उद्योगों से समृद्ध एक अनमोल खजाना बताया।
आचार्य ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनूठे उत्पादों, मसलन बांस शिल्प, हथकरघा, जैविक खेती और पर्यावरण-पर्यटन को आधुनिक प्रौद्योगिकी, डिजिटल नवाचार और वैश्विक विपणन रणनीतियों के माध्यम से विकसित किया जाना चाहिए।
उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र में नई जान डालने के लिए मौजूदा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की जिसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, उद्योग साथी ऐप और समर्थ योजना जैसी पहलें शामिल हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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