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Saturday, July 26, 2025

मेघालय: सोहरा में बढ़ते कचरे के बीच पिकनिक और खुले में खाना पकाने पर रोक

Newsमेघालय: सोहरा में बढ़ते कचरे के बीच पिकनिक और खुले में खाना पकाने पर रोक

शिलांग, 25 जुलाई (भाषा) मेघालय के सोहरा इलाके की खूबसूरती को पर्यटकों द्वारा बीयर की बोतलें, चिप्स के पैकेट, प्लास्टिक रैपर, डिब्बे और अन्य अपशिष्ट छोड़े जाने से लगातार हो रहे नुकसान के मद्देनजर क्षेत्र के पारंपरिक शासी निकाय ने इलाके में पिकनिक मनाने, खुले में खाना पकाने और अचानक खुले में दावतें करने पर रोक लगा दी है।

अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी की सुरक्षा करना तथा मावकडोक-सोहरा क्षेत्र और इसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अन्य पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करना है।

क्षेत्र की पारंपरिक शासी संस्था, का हिमा सोहरा के उप प्रमुख, मारेमदोर सिएम ने कहा कि अनियंत्रित पिकनिक पार्टियों के कारण व्यापक स्तर पर पर्यावरण का क्षरण हुआ है, विशेष रूप से दर्शनीय मॉकडोक-सोहरा रोड और आसपास के पर्यटन स्थलों पर।

उन्होंने बताया कि नए नियमों के तहत इन क्षेत्रों में पिकनिक मनाने, खुले में खाना पकाने और सड़क किनारे भोजन करने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सिएम ने बताया कि आगंतुकों को स्थानीय गांव के अधिकारियों से उचित अनुमति के बिना सार्वजनिक स्थानों पर वाहन पार्क करने तथा भोजन या शराब का सेवन करने से भी रोक लगा दी गई है।

उन्होंने बताया कि कचरा के प्रति जवाबदेही तय करते हुए यह अनिवार्य किया गया है कि सोहरा में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को, चाहे वे किसी भी स्थान से आए हों, कचरे के थैले साथ रखने होंगे तथा वाहन के अंदर एक डस्टबिन रखना होगा, ताकि वे अपना कचरा स्वयं एकत्र कर सकें और उसका प्रबंधन कर सकें।

सिएम ने कहा कि सड़कों के किनारे, खेतों या दर्शनीय स्थलों के पास कचरा फेंकना अब दंडनीय अपराध है।

ग्रामीण पर्यटन मंच के अध्यक्ष एलन वेस्ट ने कहा, ‘‘व्लॉगर्स, यूट्यूबर्स और मीडियाकर्मियों को अब हिमा सोहरा की पर्यटन समिति की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी ‘अनदेखे’ या कम ज्ञात स्थान का प्रचार या खुलासा करने की अनुमति नहीं है। ये उपाय पर्यटन को हतोत्साहित करने के लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि यह ज़िम्मेदारी से बढ़े।’’

सोहरा क्षेत्र, जिसे पहले चेरापूंजी कहा जाता था, मेघालय के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थलों में से एक है। यह अपने झरनों, गुफाओं और अद्वितीय जैव विविधता के लिए जाना जाता है।

भाषा धीरज रंजन

रंजन

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