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Saturday, July 26, 2025

राजेंद्र नगर घटना के एक साल बाद भी छात्रों में दहशत

Newsराजेंद्र नगर घटना के एक साल बाद भी छात्रों में दहशत

(वर्षा सागी)

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर के एक बेसमेंट में पानी भरने की घटना में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत के एक साल बाद शहर के कोचिंग केंद्र के छात्रों और निवासियों के बीच अभी भी बेचैनी भरी खामोशी और लगातार भय बना हुआ है

पिछले साल 27 जुलाई को हुई भारी बारिश के कारण क्षेत्र में भयंकर जलभराव हो गया था, तथा ‘राऊज़ आईएएस स्टडी सर्किल’ के बेसमेंट में पानी भर गया था। इसे कथित तौर पर अवैध रूप से कक्षाओं के लिए उपयोग किया जा रहा था।

लोक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों – उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) – अंदर फंस गए और मदद पहुंचने से पहले ही डूब गए।

इस त्रासदी से व्यापक आक्रोश और विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। छात्रों ने सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई और नागरिक बुनियादी ढांचे में तत्काल सुधार की मांग की।

तब से लेकर अब तक कई बदलाव हुए हैं। श्रीराम आईएएस कोचिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने इलाके के 50 से ज़्यादा बेसमेंट सील कर दिए हैं।

अधिकारी ने बताया, ‘हमारा अपना बेसमेंट और आस-पास के बेसमेंट बंद कर दिए गए थे। जनवरी से, एमसीडी ने सड़क के दोनों ओर नई जल निकासी लाइनें बिछाईं। इस बार, भारी बारिश के बावजूद, जलभराव नहीं हुआ है।’

उनके मुताबिक, कोचिंग संस्थानों ने नए सुरक्षा उपाय शुरू किए हैं।

उन्होंने बताया, ‘हमने देखभाल और सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी है और असुरक्षित आवाजाही को रोकने के लिए बारिश के दौरान गेट बंद कर दिए जाते हैं। श्रीराम आईएएस, वाजीराम, दृष्टि और नेक्स्ट आईएएस ने मिलकर तीनों मृतक छात्रों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि दी है।’

इन संस्थानों ने एक छात्र के परिवार को भी सहायता प्रदान की, जिसकी कुछ दिन पहले ही पास के वेस्ट पटेल नगर में बिजली का झटका लगने से मृत्यु हो गई थी।

सुधारों के बावजूद ओल्ड राजेंद्र नगर के छात्रों में भय बना हुआ है।

एक लोक सेवा अभ्यर्थी ने कहा, ‘अब सभी बेसमेंट बंद हैं, लेकिन जब भी बारिश होती है, हमें घबराहट होने लगती है।’

एक और छात्रा विद्या ने कहा, ‘पिछले साल हमारे पीजी में पानी भर गया था। हम किसी तरह बच गए, लेकिन मुझे हफ़्तों तक डर लगता रहा। बारिश जल्दी शुरू होने से वो डर फिर सताने लगा है।’

एक अभ्यर्थी प्रिया ने कहा, ‘बेसमेंट लाइब्रेरी का रखरखाव कभी ठीक से नहीं किया गया। पिछले साल के हादसे के बाद मैंने फिर कभी किसी लाइब्रेरी में कदम नहीं रखा।’’

एक कोचिंग संस्थान के एक फैकल्टी सदस्य ने धीरे से कहा, ‘मैं उस घटना को याद नहीं करना चाहता। छात्र मारे गए। मुझे बस वो दुख याद है।’

भाषा नोमान नरेश

नरेश

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