नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) को बहरोड़ जिले के कंकरदोपा गांव में भूजल प्रदूषण के आरोपों की विस्तृत जांच करने और तत्काल उपचारात्मक उपाय करने को कहा है।
ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, जिसमें उन्होंने निकटवर्ती औद्योगिक इकाइयों के कारण प्रदूषण का आरोप लगाया था, सीपीसीबी ने 23 जुलाई को लिखे पत्र में कहा कि एक संयुक्त टीम 21 अप्रैल को गांव गई और निवासियों से बातचीत की।
क्षेत्र के तीन बोरवेल से पानी के नमूने एकत्र किए गए, जिनसे भूजल में आयरन (9.35 मिलीग्राम प्रति लीटर) और निकल (0.095 मिलीग्राम प्रति लीटर) की मौजूदगी का पता चला, जो मानक सीमा से अधिक है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘ये स्तर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की स्वीकार्य सीमा से अधिक हैं, जिससे स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है।’’
शिकायत में नामित और अधिकारियों द्वारा निरीक्षण की गई औद्योगिक इकाइयों में एपेक्स ट्यूब्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीनलैम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जीएस फार्मब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड और कॉन्टिनेंटल पेट्रोलियम लिमिटेड शामिल हैं। ये सभी रीको औद्योगिक क्षेत्र, बहरोड़ में स्थित हैं।
सीपीसीबी ने आरएसपीसीबी को निर्देश दिया कि वह कंकरदोपा गांव में भूजल में आयरन और निकल की सांद्रता के स्तर की अधिकता के संबंध में भूजल गुणवत्ता मूल्यांकन, संदूषण के स्रोतों और आवश्यक उपचारात्मक उपायों पर विशेषज्ञ संस्थान के माध्यम से तुरंत एक विस्तृत अध्ययन कराए और आवश्यक उपचारात्मक उपाय सुनिश्चित करे।
आरएसपीसीबी को निर्देश प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर सीपीसीबी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
भाषा शफीक नरेश
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