नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने से भारतीय निर्यात को उपभोक्ता वस्तुओं, सौंदर्य प्रसाधनों और परिधान जैसे क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि बृहस्पतिवार को लंदन में संपन्न हुए इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा ब्रिटेन की स्कॉच विनिर्माता होंगी क्योंकि उनके उच्च आयात शुल्क में भारी कमी आएगी।
डेलॉयट इंडिया के साझेदार आनंद रामनाथन ने कहा कि इस समझौते के कारण भारत का विकसित व्हिस्की बाजार स्थापित एवं नई दोनों तरह की कंपनियों को वैश्विक पोर्टफोलियो विस्तार के लिए प्रोत्साहित करेगा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सेवाओं के व्यापार में भारत को आईटी/आईटीईएस, वित्तीय सेवाओं, व्यावसायिक सेवाओं और शैक्षिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन की प्रतिबद्धताओं से फायदा होगा।
नायर ने कहा कि यह समझौता पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाएगा और भारतीय श्रमिकों को तीन साल के लिए सामाजिक सुरक्षा भुगतानों से छूट देगा।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी में साझेदार पूजा रामचंदानी ने कहा कि यह सामाजिक सुरक्षा समझौता दोहरे योगदान के बोझ को खत्म करके सीमा-पार गतिशीलता को अधिक सुगम बनाएगा।
ईवाई इंडिया के व्यापार नीति प्रमुख अग्नेश्वर सेन ने कहा कि यह व्यापार समझौता वस्त्रों एवं वाहन कलपुर्जों से लेकर समुद्री भोजन एवं आभूषणों जैसे प्रमुख भारतीय निर्यातों पर से शुल्क हटा देगा, जिससे श्रम-बहुल क्षेत्रों, एमएसएमई एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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