झालावाड़ (राजस्थान), 25 जुलाई (भाषा) राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा ढहने से सात बच्चों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
घटना जिले के मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल में हुई। बच्चे सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा हो रहे थे तभी छठी और सातवीं कक्षा की छत ढहने से इमारत का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें लगभग 35 बच्चे दब गए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 7.45 बजे इस त्रासदी की सूचना मिली।
घटना के बाद, दांगीपुरा और मनोहरथाना थाने के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे।
मनोहरथाना के प्रभारी नंद किशोर वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘अब तक सात बच्चों की मौत हो चुकी है।’
झालावाड़ जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर पीपलोदी गांव के सरकारी स्कूल में बच्चे सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा हो रहे थे, तभी छठी और सातवीं कक्षा की छत ढह गयी।
घटना के बाद मलबे का ढेर लग गया। घबराए हुए शिक्षकों, अभिभावकों व आसपास के अन्य लोगों ने बच्चों को मलबे से निकालना शुरू किया।
डांगीपुरा थाने के एक पुलिसकर्मी ने बताया कि जान गंवाने वाले छात्रों की पहचान पायल (12), हरीश (8), प्रियंका (12), कुंदन (12), कार्तिक, मीना (12) और उसके भाई कान्हा (6) के रूप में हुई है।घायलों को झालावाड़ अस्पताल और मनोहरथाना स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
पुलिस ने बताया कि करीब 12 छात्रों का अब भी इलाज जारी है।
जिला अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि घायलों में से नौ का उपचार गहन चिकित्सा इकाई में किया जा रहा है।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए, स्कूल के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और मामले की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गुराड़ी चौराहे पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
उन्होंने सड़क जाम कर दी और टायर जलाकर सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और अपने बच्चों को खोने वाले परिवारों को मुआवजा देने की मांग की।
इस बीच, राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने इस दुखद घटना का स्वतः संज्ञान लिया और झालावाड़ के जिला मजिस्ट्रेट, जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा निदेशक – बीकानेर और झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए।
आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट, दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
आयोग ने कहा, ‘यह घटना प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई। जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खोया है, उन्हें सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।’
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि उन्होंने शिक्षा मंत्री को गांव का दौरा करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी स्कूल भवन जर्जर हालत में न हो।
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार समय-समय पर स्कूल भवनों के रखरखाव के लिए निर्देश जारी करती है। ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य में कोई भी स्कूल भवन जर्जर हालत में न हो ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।’
शर्मा ने कहा कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और झालावाड़ के सांसद दुष्यंत सिंह से बात की है और वे भी वहां पहुंच रहे हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई नेताओं ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राजस्थान के झालावाड़ में एक विद्यालय की छत गिरने से कई विद्यार्थियों की मृत्यु और घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर शोक संतप्त परिजनों को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस दुर्घटना में घायल हुए विद्यार्थियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना में हुई मौतों पर गहरा शोक व्यक्त किया।
मालदीव की दो दिवसीय यात्रा पर माले गए मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल में हुई दुर्घटना अत्यंत दुखद है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों के साथ हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्राधिकारी पीड़ितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रहे हैं।’’
कोटा से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह घटना दुखद है। उन्होंने घायल छात्रों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
गुस्साए स्थानीय निवासियों ने कहा कि उन्होंने स्कूल भवन की हालत के बारे में तहसीलदार और उपखंड अधिकारी सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय निवासी बालकिशन ने कहा, ‘यह प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ।’
उन्होंने बताया कि वह सड़क किनारे बैठे थे तभी उन्होंने तेज धमाका सुना। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो इमारत का एक हिस्सा ढह गया था और बच्चे चीख रहे थे। मैं और वहां मौजूद अन्य लोग इमारत की ओर दौड़े और बच्चों को बचाने के लिए स्लैब और पत्थर हटाने लगे।’
उन्होंने कहा, ‘वहां अफरा-तफरी मच गई। बच्चे रो रहे थे और हर कोई उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था। हममें से कई लोग घायल छात्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।’
एक अन्य स्थानीय निवासी ने दावा किया कि प्रशासनिक मदद पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने फंसे बच्चों को निकालकर निजी वाहनों से स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा दिया था।
झालावाड़ के जिलाधिकारी अजय सिंह के अनुसार, जिला प्रशासन ने हाल ही में शिक्षा विभाग को किसी भी जर्जर स्कूल भवन की जानकारी देने का निर्देश दिया था, लेकिन यह भवन सूची में शामिल नहीं था।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘मैं इसकी जांच करवाऊंगा और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’
जिला अस्पताल के बाहर एक व्यक्ति ने रोते हुए कहा कि सरकारी मदद पहुंचने से पहले ही लोग बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल ले जा चुके थे। घायल छात्रों में उनका बेटा भी शामिल है।
जिला अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि नौ घायल आईसीयू में हैं और उनमें से दो का ऑपरेशन हो चुका है, जबकि दो अन्य का ऑपरेशन जारी है।
एक स्कूली छात्रा ने बताया कि घटना के समय वह स्कूल के दूसरे कमरे में मौजूद थी। उसने कहा, ‘‘हमें समझ नहीं आया कि क्या हुआ। हम कक्षा से बाहर निकले और देखा कि दूसरी कक्षा ढह गई है।’’
एक अन्य छात्रा ने कहा कि स्कूल की दीवारों में पौधे उग आए थे और दीवारों में सीलन व रिसाव था।
मौके पर मौजूद ग्रामीण दुलीचंद ने बताया कि पहले एक कमरा ढहा जिसके बाद बगल वाला कक्ष भी ढह गया। उन्होंने कहा, “स्कूल की इमारत 30-40 साल पुरानी लगती है। इसमें पांच कक्ष और एक कार्यालय था। एक हिस्सा ढहने के बाद, जिला प्रशासन ने बाकी हिस्सों को ढहा दिया है ताकि आगे कोई दुर्घटना न हो।”
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “झालावाड़ के पीपलोदी में विद्यालय की छत गिरने से हुआ दर्दनाक हादसा अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है। घायल बच्चों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।’
उन्होंने लिखा, “ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति दें।”
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों को घटनास्थल पर तुरंत पहुंचने और बच्चों का उचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा, “झालावाड़ के पीपलोदी गांव में एक स्कूल की छत गिरने की एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। हम नजदीकी अस्पताल में सरकारी खर्च पर घायलों का इलाज करवाएंगे।’
उन्होंने कहा कि इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर शोक जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “मनोहरथाना क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से कई बच्चों एवं शिक्षकों के हताहत होने की सूचना मिल रही है। मैं ईश्वर से कम से कम जनहानि एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं।”
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने हादसे पर दुख व्यक्त किया और घायल छात्रों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
भाषा सं. कुंज पृथ्वी शोभना
शोभना