नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम की उस याचिका का विरोध किया जिसमें सांसद होने के आधार पर उनकी जमानत शर्तों में ढील देने का अनुरोध किया गया है।
सीबीआई के विशेष वकील अनूप एस शर्मा ने विजय माल्या का नाम लिए बिना कहा कि ‘‘किंगफिशर के पूर्व मालिक भी कभी सांसद हुआ करते थे और आज ब्रिटेन में बैठे हैं’’।
यह दलील तब दी गई जब चिदंबरम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल एक सांसद हैं और उनके देश छोड़कर भागने की आशंका नहीं है।
न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा चिदंबरम की जमानत शर्तों में ढील देने के अनुरोध संबंधी याचिका पर पहले सुनवाई करने के अनुरोध पर सुनवाई कर रहे थे।
लूथरा ने कहा, ‘‘वह (कार्ति चिदंबरम) सांसद हैं, वह कहां जाएंगे? आज भी वह संसद में उपस्थित हैं।’’
इसके बाद अदालत ने सीबीआई से पूछा कि यदि एक व्यक्ति भाग गया है, तो क्या एजेंसी को लगता है कि बाकी सभी लोग भी भाग जाएंगे?
पीठ ने पूछा, ‘‘यदि एक व्यक्ति भाग गया है, तो क्या आपको लगता है कि सभी भाग जाएंगे?’’
इसके बाद अभियोजन पक्ष ने ‘‘कुछ चिंताएं’’ व्यक्त कीं।
उच्च न्यायालय ने मार्च, 2018 में आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को इस शर्त पर जमानत दे दी थी कि उन्हें भारत से बाहर यात्रा करने से पहले निचली अदालत की अनुमति लेनी होगी।
सीबीआई ने 15 मई 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2007 में चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुई थीं।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश