तिरुवनंतपुरम, 25 जुलाई (भाषा) केरल सरकार ने कुछ धार्मिक संगठनों के विरोध के बावजूद शुक्रवार को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर जारी रखने का फैसला किया।
राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने ‘मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी’ (एमईएस), श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी), ‘नायर सर्विस सोसाइटी’ (एनएसएस) और समस्ता सहित विभिन्न सामुदायिक संगठनों द्वारा संचालित विद्यालयों के प्रबंधन के साथ चर्चा करने के बाद संवाददाताओं को बताया कि सरकार विद्यालयों में संशोधित समय-सारिणी पर कायम रहेगी।
मंत्री ने कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए इस विषय पर और भविष्य में सामने आने वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले के अनुसार, सभी विद्यालयों में पूर्वाह्न 10 बजे के बजाय पौने 10 बजे से कक्षाएं शुरू होंगी और शाम चार बजे के बजाय सवा चार बजे समाप्त होंगी।
मुस्लिम संगठनों ने इस समय का विरोध करते हुए कहा था कि संशोधित समय से मदरसों में सुबह की पढ़ाई बाधित होगी।
मंत्री ने दावा किया कि चर्चा में भाग लेने वाले सभी लोग इस फैसले के उद्देश्य से सहमत थे।
यह आदेश राज्य सरकार द्वारा गठित एक पैनल की सिफारिशों पर आधारित उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार लिया गया था।
शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकार ने प्रबंधन से बात की क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अलग-अलग राय व्यक्त होने पर चर्चा जरूरी होती है।
उन्होंने कहा, “हमने उन्हें (धार्मिक संगठनों को) अदालत के निर्देशों और राज्य शिक्षा नियमों के अनुसार समय में संशोधन की जरूरत के बारे में समझाया। ”
केरल शिक्षा नियमों के अनुसार, एक शैक्षणिक वर्ष में पहली से चौथी कक्षाओं के लिए 128 कार्य दिवस, पांचवीं से सातवीं कक्षाओं के लिए 200 कार्य दिवस और आठवीं से10वीं कक्षाओं के लिए 204 कार्य दिवस निर्धारित हैं।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ सुबह के 15 मिनट के अतिरिक्त समय की बात है और किसी को भी इसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
भाषा जितेंद्र नरेश
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