नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को ‘क्रांति लाने वाला’ करार दिया और कहा कि इससे किसानों, युवाओं, उद्यमियों और एमएसएमई सहित हर वर्ग को लाभ होगा।
व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता भी कहे जाने वाले भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर गोयल और उनके समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, गोयल ने एफटीए पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को दिया।
उन्होंने कहा, ‘यह एक परिवर्तनकारी समझौता है।’ उन्होंने आगे कहा कि यह भारत के किसानों, उद्यमियों, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), युवाओं, मछुआरों और समाज के हर वर्ग के लिए ‘अपार अवसर’ लेकर आएगा।
उन्होंने कहा कि भारत अपने 99 प्रतिशत निर्यात को ब्रिटेन को शुल्क-मुक्त भेज सकेगा।
गोयल ने ज़ोर देकर कहा कि ब्रिटेन के साथ यह समझौता भारत की शर्तों पर ‘विश्वासपूर्वक’ किया गया है और कृषि एवं डेयरी क्षेत्रों में ‘संवेदनशील वस्तुओं’ की सुरक्षा की गई है।
उन्होंने आगे कहा, “हमने चावल और चीनी जैसी अपनी कई संवेदनशील वस्तुओं की सुरक्षा की है। डेयरी और एथनॉल को अभी तक नहीं खोला गया है। भारत ने संवेदनशील क्षेत्रों में खुद को सुरक्षित रखा है। (इन क्षेत्रों में) कोई शुल्क रियायत नहीं दी गई है।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत की भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ा संदेश देता है। आने वाले वर्षों में हम सभी देखेंगे कि भारत को इसके तहत क्या लाभ होंगे।”
गोयल ने कहा कि जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में थी, तो वे उन आसियान देशों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करते थे जो ‘हमारे साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।’
उन्होंने कहा, “वे ऐसे देशों के लिए हमारे बाज़ार खोल देते थे, और उन पर शून्य शुल्क लगाते थे। वे देश भारत में अपना माल सस्ते दामों पर बेचते थे और भारत के विनिर्माण क्षेत्र को नुकसान पहुंचाते थे। कई व्यापारिक संगठनों, उद्योग मंडलों और एमएसएमई दिग्गजों ने कई बार कहा है कि संप्रग के दौरान जिस तरह के एफटीए पर हस्ताक्षर किए गए थे, वे देश के हित में नहीं थे।”
हाल ही में हुए प्रादा-कोल्हापुरी चप्पल विवाद का हवाला देते हुए, मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के साथ एफटीए के लागू होने से भारत को अपने जीआई (भौगोलिक संकेत) उत्पादों का श्रेय मिलेगा।
उन्होंने कहा, “किसी ने हमारे कोल्हापुरी चप्पल के डिज़ाइन का इस्तेमाल किया। वाणिज्य मंत्रालय ने तुरंत इस पर कार्रवाई की। भविष्य में, जब कोल्हापुरी चप्पलों का निर्यात किया जाएगा, तो भारत को इसका श्रेय मिलेगा। इसे भारत के जीआई उत्पाद के रूप में निर्यात किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारतीय उत्पादों के साथ जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रही हैं।
गोयल ने ब्रिटेन के साथ दोहरे योगदान समझौते पर हस्ताक्षर को भारत के लिए एक ‘बड़ी उपलब्धि’ बताते हुए कहा कि इससे भारतीय सेवा क्षेत्र को ‘काफी लाभ’ होगा।
उन्होंने कहा, “अब जो भी व्यक्ति अंतर-कॉरपोरेट स्थानांतरण के रूप में अल्पकालिक सेवा के लिए ब्रिटेन जाएगा – चाहे वह सॉफ्टवेयर सेवाओं, होटलों या योग प्रशिक्षक के रूप में काम करने के लिए हो – उसकी कमाई का एक हिस्सा अब उसके ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) खाते में जमा किया जाएगा।”
भारत-ब्रिटेन एफटीए में ब्रिटेन के प्रस्तावित कार्बन कर पर कोई प्रावधान न होने के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, गोयल ने कहा कि उन्हें लगता है कि ‘यह कोई मुद्दा ही नहीं है।’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने इसे पहले ही काफी लचीला बना दिया है। उन्होंने इसे उदार बनाया है।”
ब्रिटेन सरकार ने दिसंबर, 2023 में 2027 से अपने कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) को लागू करने का फैसला किया था।
गोयल ने कहा कि ‘सम्पूर्ण यूरोप और वहां के उद्योग’ सीबीएएम को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इसके क्रियान्वयन से महाद्वीप बहुत महंगा हो जाएगा।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय