(तस्वीरों के साथ)
देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार चार साल की सैन्य सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की।
धामी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और इसे जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पुलिस, परिवहन, वन और अन्य सरकारी विभागों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की तैयारी कर रहे हैं। इस संबंध में एक प्रस्ताव जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को इसका लाभ मिलेगा।’’
क्षैतिज आरक्षण एक प्रकार का आरक्षण है जो सभी श्रेणियों, अर्थात सामान्य श्रेणी के साथ-साथ ऊर्ध्वाधर आरक्षण श्रेणियों – अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में प्रदान किया जाता है।
केंद्र ने सेना, नौसेना और वायुसेना में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के जवानों की औसत उम्र सीमा को कम करना है।
धामी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने हाल के वर्षों में उनके कल्याण के लिए उठाए गए कई कदमों का भी ज़िक्र किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है। उन्होंने बताया कि वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिक राशि में भी वृद्धि की गई है।
भाषा
राजकुमार संतोष
संतोष