चेन्नई, 27 जुलाई (भाषा) तमिलनाडु में अरियालुर जिले के छोटे से गांव गंगईकोंडा चोलपुरम में प्रतिष्ठित चोल राजा राजेंद्र चोल- प्रथम की जयंती के उपलक्ष्य में आज यानी रविवार को आदि तिरुवथिरई उत्सव आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे।
यह उत्सव राजेंद्र चोल की दक्षिण पूर्व एशिया की समुद्री यात्रा के 1,000 वर्ष पूरे होने तथा गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण की शुरुआत की भी याद में आयोजित किया जा रहा है। यह मंदिर चोल वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है।
आदि तिरुवथिरई महोत्सव 23 जुलाई को शुरू हुआ था और 27 जुलाई यानी रविवार को महोत्सव के भव्य समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे।
शिवाचार्य और ओथुव (शिव भजन के गायन में पारंगत) शैव भजन गाकर प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। संगीत उस्ताद इलैयाराजा द्वारा प्रस्तुत एक संगीत कार्यक्रम भी मुख्य आकर्षणों में से एक है।
इस अवसर पर गंगईकोंडा चोलपुरम को फूलों से सजाया गया है और पुलिस अधिकारियों ने पूरे इलाके को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
प्रधानमंत्री हेलीपैड से मंदिर तक एक रोड शो करेंगे। वह महान राजा के सम्मान में सिक्का भी जारी करेंगे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने चोल शैव और मंदिर वास्तुकला पर विशेष प्रदर्शनियों का आयोजन किया है।
समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि, वित्त मंत्री टी थेनारासु, हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि मंत्री पी.के. शेखर बाबू, परिवहन मंत्री एस.एस. शिवशंकर और केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन भी भाग लेंगे।
राजेंद्र चोल प्रथम के नेतृत्व में चोल साम्राज्य ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाया। उन्होंने अपने विजयी अभियानों के बाद गंगईकोंडा चोलपुरम को अपनी शाही राजधानी के रूप में स्थापित किया।
भाषा सिम्मी अमित
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