नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) केमेक्सिल ने रविवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) देश के रासायनिक निर्यात और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
इस समझौते से रसायन क्षेत्र की कई उत्पाद श्रेणियों को ब्रिटेन में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।
रसायन निर्यातकों के संगठन केमेक्सिल (बुनियादी रसायन, प्रसाधन सामग्री एवं रंग निर्यात संवर्धन परिषद) ने कहा कि व्यापार समझौते के तहत रसायन क्षेत्रों की 1,000 से अधिक शुल्क लाइन या उत्पाद श्रेणियों को ब्रिटेन के बाजार में शून्य शुल्क पहुंच दी गई है।
केमेक्सिल के चेयरमैन सतीश वाघ ने कहा कि इसमें कार्बनिक रसायन, कृषि रसायन, सौंदर्य प्रसाधन, प्रसाधन सामग्री, आवश्यक तेल, विशेष रसायन और पेट्रोरसायन जैसी प्रमुख उत्पाद श्रेणियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते की शुल्क लाइन में 12.4 प्रतिशत योगदान के साथ, रसायन क्षेत्र इस समझौते के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। इससे व्यापार नीति और वर्गीकरण में इसकी स्थिति मजबूत हुई है।
भारत का ब्रिटेन को रासायनिक निर्यात इस समय 57.03 करोड़ अमेरिकी डॉलर है, जो भारत के वैश्विक रासायनिक निर्यात का लगभग दो प्रतिशत है।
वाघ ने कहा, ”यह समझौता तीव्र वृद्धि का आधार तैयार करता है। निर्यात में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो 2025-26 तक संभावित रूप से 65-75 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।”
भारत वैश्विक स्तर पर लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के रसायनों का निर्यात करता है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय