तेल अवीव, 27 जुलाई (एपी) इजराइली सेना ने फलस्तीनी क्षेत्र की नाकेबंदी तोड़ने की कोशिश कर गाजा जाने वाले एक राहत सहायता जहाज को रोक लिया तथा 21 अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को हिरासत में ले लिया। फलस्तीन समर्थक समूह ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलेशन’ ने रविवार को यह जानकारी दी।
समूह ने बताया कि इसके अलावा, इजराइली सेना ने जहाज पर लदे शिशु उपयोग के लिए दूध, खाद्य सामग्री और दवा सहित सभी माल जब्त कर लिए।
जहाज ‘हंडाला’ का संचालन करने वाले समूह ने कहा कि इजराइली सेना ने शनिवार आधी रात से ठीक पहले गाजा से लगभग 40 समुद्री मील दूर अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में जहाज को ‘‘बल प्रयोग कर रोका’’ और इसके संचार नेटवर्क को काट दिया।
समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘जहाज पर लदा पूरा माल गैर-सैन्य उपयोग के लिए था तथा यह इजराइल की अवैध नाकेबंदी के कारण भुखमरी और चिकित्सा संकट से जूझ रही आबादी को सीधे वितरित करने के लिए था।’’
इस सिलसिले में इजराइली सेना ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने रविवार तड़के ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि नौसेना ने जहाज को रोक लिया और उसे तट पर ला रही है।
समूह द्वारा संचालित यह दूसरा जहाज है जिसे इजराइल ने हाल के महीनों में गाजा में राहत सहायता पहुंचाने से रोका है, जहां खाद्य विशेषज्ञ महीनों से अकाल के खतरे की चेतावनी दे रहे हैं।
जलवायु एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग उन 12 कार्यकर्ताओं में शामिल हैं, जो जून में मैडलीन जहाज पर सवार थे, जब इसे इजराइली सेना ने जब्त किया था।
जहाज को ऐसे समय में रोका गया, जब इजराइल को गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ रहा है तथा राहत सहायता पर इजराइली प्रतिबंधों के बीच इस क्षेत्र में बढ़ती भुखमरी को लेकर चिंता बढ़ रही है।
एक क्षेत्रीय मानवाधिकार समूह, अदालाह ने बताया कि जहाज को रोका जाना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसने जहाज पर हिरासत में लिये गए लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग की।
अदालाह ने एक बयान में कहा, ‘‘इस जहाज ने कभी भी इजराइली जलक्षेत्र में प्रवेश नहीं किया था, न ही ऐसा करने का इरादा था। यह फलस्तीन के जलक्षेत्र की ओर बढ़ रहा था, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मान्यता प्राप्त है।’’
इसने कहा, ‘‘जिस अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र से जहाज गुजर रहा था, उस पर इजराइल का कोई कानूनी अधिकार या क्षेत्राधिकार नहीं है।’’
एपी सुभाष देवेंद्र
देवेंद्र