नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) सरकार भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर उद्योग और राज्यों को जागरूक करने के लिए अगले 20 दिन में देशभर में हितधारक बैठकों, कार्यशालाओं, जागरूकता अभियानों और रायशुमारी सत्रों सहित कुल 1,000 संपर्क कार्यक्रम आयोजित करेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस कवायद का मकसद 24 जुलाई को हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना और इसके लाभ को अधिकतम करना है।
सूत्रों ने कहा कि क्षेत्रवार संपर्क कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। संबंधित मंत्रालय भी समझौते पर कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
केंद्रीय दल इस व्यापार समझौते के फायदों के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा भी करेंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को यहां व्यापार समझौते पर चमड़ा और वस्त्र क्षेत्र के साथ बैठक करेंगे। इस समझौते के लागू होने पर, 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात ब्रिटेन में शुल्क मुक्त हो जाएंगे। इसके साथ ही कार, सौंदर्य प्रसाधन और व्हिस्की जैसे ब्रिटिश उत्पादों पर शुल्क भी कम हो जाएगा।
गोयल ने 26 जुलाई को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें पहले ही विशिष्ट उद्योग क्षेत्रों से बात करने का निर्देश दिया है, जो इस समझौते के लागू होने के बाद अब अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, ”संसद सत्र चलने तक मैं हर क्षेत्र के साथ क्षेत्रीय बैठकें करूंगा और उसके बाद सभी राज्यों का दौरा करूंगा।”
भागलपुर सिल्क (बिहार), पश्मीना शॉल (जम्मू और कश्मीर), कोल्हापुरी चप्पल (महाराष्ट्र) और तंजावुर गुड़िया (तमिलनाडु) अब ब्रिटेन भर के मॉल और दुकानों में प्रमुखता से दिखाई देगी। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के तहत ऐसे पारंपरिक उत्पादों पर शुल्क में छूट दी जाएगी। इसके अलावा बालूचरी साड़ियों (पश्चिम बंगाल), बंधिनी वस्त्र कला (गुजरात), कांचीपुरम साड़ियों और तिरुपुर के होजरी उद्योग को भी इस समझौते से फायदा होगा।
गोयल ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु का भी दौरा करेंगे और मछुआरा समुदाय को इस समझौते से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे।
गोयल ने कहा, ”मैं हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई और गुरुग्राम के तकनीकी केंद्रों का दौरा करूंगा और जानकारी दूंगा कि कैसे दोहरा अंशदान संधि (डीसीसी) से उन्हें अपने सेवा निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा, ”हम इस समझौते से सर्वोत्तम लाभ उठाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को जागरूक करेंगे।”
उन्होंने कहा, ”हम ब्रिटेन में प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे… और अगले कुछ महीनों में, जब तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है, जमीनी स्तर पर काम शुरू कर देंगे, ताकि हम एफटीए के लागू होते ही इसका लाभ उठा सकें।”
भाषा
अजय पाण्डेय
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