26.6 C
Jaipur
Tuesday, July 29, 2025

सार्वजनिक-निजी तालमेल विरासत संरक्षण को बढ़ावा दे सकता है: रिपोर्ट

Newsसार्वजनिक-निजी तालमेल विरासत संरक्षण को बढ़ावा दे सकता है: रिपोर्ट

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) विरासत संरक्षण को एक ‘‘नैतिक दायित्व और रणनीतिक निवेश’’ दोनों के रूप में देखे जाने का उल्लेख करते हुए एक नई रिपोर्ट में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के बीच बेहतर तालमेल तथा संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया गया है।

एक अग्रणी व्यापार चैंबर और एक वैश्विक परामर्श फर्म द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई इस रिपोर्ट में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से पुरानी इमारतों का मूल कार्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए पुनः उपयोग करने और विरासत संरक्षण के लिए कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) वित्तपोषण की भी सिफारिश की गई है।

‘विरासत संरक्षण के लिए सार्वजनिक-निजी तालमेल बनाना’ नामक रिपोर्ट 25 जुलाई को गुजरात के वडोदरा में प्रतिष्ठित लक्ष्मी विलास महल के परिसर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय विरासत पर्यटन सम्मेलन में जारी की गई।

पर्यटन, संरक्षण और उद्योग विशेषज्ञ सम्मेलन में एकत्र हुए और उन्होंने आर्थिक पुनरुद्धार, सामुदायिक विकास एवं सांस्कृतिक निरंतरता के लिए भारत की समृद्ध विरासत का लाभ उठाने पर विचार-विमर्श किया।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विरासत संरक्षण को नैतिक दायित्व और रणनीतिक निवेश दोनों के रूप में देखा जाना चाहिए, जहां देश की विरासत को स्थिर स्मारकों से जीवंत प्रतीकों में बदला जा सकता है, जिससे यह भावी पीढ़ियों को प्रेरित और समृद्ध करने में सक्षम हो सके।’’

इसमें भारत के विभिन्न भागों में कुछ सफल संरक्षण परियोजनाओं के साथ-साथ ब्रिटेन, स्पेन, इटली और अन्य देशों में प्रसिद्ध संरक्षण मॉडल का भी हवाला दिया गया है।

इसमें उत्तर प्रदेश की एक ऐसी ही परियोजना का हवाला देते हुए विरासत भवनों को कैफे, संग्रहालय, विथिका या अन्य सांस्कृतिक स्थलों के रूप में पुन: उपयोग करने तथा पीपीपी मॉडल के माध्यम से तालमेल बनाने पर भी जोर दिया गया है।

भाषा शफीक संतोष

संतोष

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles