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Sunday, July 27, 2025

उप्र के कालजयी किलों के उल्लेख के लिए योगी ने प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार

Newsउप्र के कालजयी किलों के उल्लेख के लिए योगी ने प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार

लखनऊ, 27 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा “मन की बात” कार्यक्रम में राज्य के कालजयी किलों का उल्लेख करने पर उनका आभार प्रकट किया है।

योगी ने कहा कि भारत के अजेय इतिहास और अमर संस्कृति का स्मरण कराने हेतु प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार।

मुख्यमंत्री ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आज ‘मन की बात’ में भारत की आन-बान-शान के प्रतीक कालजयी किलों का उल्लेख, विशेषकर उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड स्थित कालिंजर किले का स्मरण, हमारे गौरवशाली अतीत की महिमा को पुनः जाग्रत करने वाला है।”

योगी ने पोस्ट में कहा, “कालिंजर किला वह अजेय गाथा है, जिसने महमूद गजनवी जैसे क्रूर आक्रांताओं के बार-बार आक्रमणों के बावजूद कभी आत्मसमर्पण नहीं किया। यह किला न केवल स्थापत्य की दृष्टि से अद्भुत है, अपितु भारतीय स्वाभिमान और सांस्कृतिक अस्मिता का अमिट प्रतीक भी है।”

उन्होंने कहा, “बुन्देलखण्ड की वीर भूमि पर स्थित झांसी, ग्वालियर, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार व चंदेरी जैसे अनेकों किलों की ऊंची-ऊंची प्राचीरें आज भी वीरता की वह गूंज सुनाती हैं, जब मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने अपने प्राण अर्पित कर दिए।”

योगी ने मोदी की सराहना और उनके प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जी का यह आह्वान कि हम इन किलों का अधिकाधिक भ्रमण करें, न केवल पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल है, बल्कि भारत के आत्मगौरव और सांस्कृतिक स्मृति को जन-जन तक पहुंचाने का प्रेरणादायक प्रयास भी है।”

मुख्यमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री द्वारा लखनऊ की जीवनरेखा गोमती नदी की स्वच्छता हेतु वर्षों से समर्पित टीम का उल्लेख करने पर भी ख़ुशी जताई।

उन्होंने कहा कि यह न केवल ‘स्वच्छ भारत’ के जन आंदोलन का सम्मान है बल्कि सेवा, श्रम और समर्पण की उस भावना को भी राष्ट्रव्यापी प्रेरणा बनाता है, जो हर रविवार नदी किनारे जीवंत होती है।

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के जनपदों का स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्तम प्रदर्शन ‘स्वच्छ उत्तर प्रदेश’ की सिद्धि को सशक्त कर रहा है।

भाषा

आनन्द, रवि कांत रवि कांत

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