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Sunday, July 27, 2025

केंद्र ने मध्यप्रदेश में जैविक कपास पर कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया

Newsकेंद्र ने मध्यप्रदेश में जैविक कपास पर कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) केंद्र ने रविवार को जैविक कपास प्रमाणन में अनियमितताओं के बारे में कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया और इन टिप्पणियों को निराधार और भ्रामक बताया।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) पर लगाए गए आरोप निराधार और अनुचित हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “किसी विशेष फसल/क्षेत्र/संचालकों के समूह के लिए देश की मज़बूत नियामक प्रणाली के ख़िलाफ सामान्यीकृत आरोप सिर्फ वैध नियामकीय संस्थानों और भारत में व्यापक जैविक आंदोलन की विश्वसनीयता को कमजोर करने का काम करते हैं।”

कांग्रेस ने शनिवार को मध्यप्रदेश में सामान्य कपास को जैविक कपास बताकर बेचने में हुए कथित घोटाले की अदालत की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण में देश की विश्वसनीयता खत्म होने से वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।

मंत्रालय ने कहा, “उल्लेखनीय है कि कल (शनिवार) एक विपक्षी नेता द्वारा प्रेस वार्ता में जैविक प्रमाणीकरण कार्यक्रम एनपीओपी के विरुद्ध निराधार, अप्रमाणित और भ्रामक आरोप लगाए गए हैं।”

मंत्रालय की इकाई कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि एनपीओपी के तहत जैविक प्रमाणन प्रणाली विश्वसनीय, पारदर्शी और स्पष्ट हो।

मंत्रालय ने कहा, “जहां कहीं भी जैविक मानकों के गैर-अनुपालन/जानबूझकर उल्लंघन के विश्वसनीय प्रमाण सामने आए हैं, वहां एपीडा ने व्यापक जांच की है और ठोस कदम उठाए हैं।”

जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा 2001 में एनपीओपी शुरू किया गया था और एपीडा इसके कार्यान्वयन के लिए सचिवालय के रूप में कार्य करता है।

उत्पादक समूह प्रमाणन प्रणाली 2005 में शुरू की गई थी, क्योंकि छोटे और सीमांत किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे आवश्यक समझा गया था। वर्तमान में भारत में 37 सक्रिय प्रमाणन निकाय कार्यरत हैं, जिनमें 14 राज्य प्रमाणन निकाय शामिल हैं।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

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