नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) दूरसंचार विभाग ने टाटा कम्युनिकेशंस को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया राशि के संबंध में लगभग 7,800 करोड़ रुपये का ‘कारण बताओ एवं मांग नोटिस’ जारी किया है। कंपनी ने एक आधिकारिक नोट में यह जानकारी दी।
विभाग के 17 जुलाई के नोट के अनुसार, दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा 2005-06 से 2023-24 तक के एजीआर के लिए यह मांग की गई है।
टाटा कम्युनिकेशंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) ए एस लक्ष्मीनारायण ने कहा, “कंपनी को 30 जून, 2025 तक भारतीय दूरसंचार विभाग से वित्त वर्ष 2005-06 से वित्त वर्ष 2023-24 तक के लिए कुल 7,827.55 करोड़ रुपये के ‘कारण बताओ-सह-मांग नोटिस’ (मांग नोटिस) प्राप्त हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि मांग नोटिस में आईएसपी (इंटरनेट सेवा प्रदाता) लाइसेंस के तहत वित्त वर्ष 2010-11 के लिए और एनएलडी (राष्ट्रीय लंबी दूरी) लाइसेंस के तहत वित्त वर्ष 2006-07 और वित्त वर्ष 2009-10 के लिए भुगतान के आधार पर कंपनी द्वारा दावा की गई कटौती की अस्वीकृति के लिए 276.68 करोड़ रुपये शामिल हैं।
टाटा कम्युनिकेशंस ने आईएलडी (अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी), एनएलडी और आईएसपी लाइसेंस से संबंधित अपीलें की हैं, जो उच्चतम न्यायालय तथा दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट में लंबित हैं।
लक्ष्मीनारायण ने कहा कि कंपनी की अपीलें यूएएसएल नामक पुरानी दूरसंचार लाइसेंस व्यवस्था के तहत एजीआर पर 24 अक्टूबर, 2019 के शीर्ष न्यायालय के फैसले के दायरे में नहीं आती हैं।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय