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Sunday, July 27, 2025

हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में मची भगदड़, छह श्रद्धालुओं की मौत, 28 घायल

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हरिद्वार/देहरादून, 27 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में रविवार को भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गयी तथा 28 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

धामी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। घटना के बाद धामी ने हरिद्वार पहुंचकर घायलों से मुलाकात की तथा उनका हालचाल जाना।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में मची भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर के मार्ग में मची भगदड़ में श्रद्धालुओं की मृत्यु होने का समाचार बहुत पीड़ादायक है। मैं सभी शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’’

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर जाने के मार्ग पर भगदड़ मचने के कारण लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, मैं उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की सहायता कर रहा है।’’

प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मनसा देवी के पैदल मार्ग में सुबह मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गयी तथा 28 अन्य घायल हो गए।

उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल पांच श्रद्धालुओं को बेहतर उपचार के लिए तत्काल ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रेफर कर दिया गया है जबकि शेष 23 घायलों का उपचार हरिद्वार जिला चिकित्सालय में चल रहा है।

सुमन ने बताया कि मनसा देवी में हुई घटना की जानकारी के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सुबह नौ बजे भगदड़ की सूचना मिलते ही हरिद्वार जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं की संयुक्त टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और बचाव तथा राहत अभियान चलाया।

गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय, गढ़वाल पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप, हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की।

डोभाल ने बताया कि मंदिर से करीब 100 मीटर नीचे सीढ़ियों के पास अचानक बिजली के करंट की अफवाह फैल गयी और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इसी वजह से भगदड़ मच गयी। हालांकि, उन्होंने कहा कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) से मिली जानकारी के अनुसार हादसे का शिकार हुए श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा तथा दिल्ली के निवासी हैं।

एसईओसी के अनुसार मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी आरुष (12), बिहार के अररिया निवासी शकल देव (18), उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी विक्की सैनी (18), उत्तराखंड के काशीपुर निवासी विपिन सैनी (18), उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के वकील सिंह और उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की शांति के रूप में हुई है। सिंह और शांति की उम्र नहीं बताई गयी है।

सावन का महीना होने की वजह से मनसा देवी मंदिर में इन दिनों लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही है और जिस समय यह घटना हुई। संकरे सीढ़ी मार्ग से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार मंदिर की ओर जा रहे थे।

हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि घटनास्थल पर बिजली के कई तार टूटे मिले हैं जिससे प्रतीत होता है कि भीड़ की वजह से खुद लोगों ने तार पकड़ कर ऊपर चढ़ने की कोशिश की होगी।

हादसे वाले स्थान पर एक तरफ पहाड़ की ओर जाने वाले कच्चे रास्ते और खाई हैं जिन पर इन दिनों घनी झाड़िया उगी हुई हैं। हरिद्वार पुलिस कोतवाली के प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम अब भी घनी झाड़ियों में तलाशी अभियान चला रही है क्योंकि प्रशासन को आशंका है कि भगदड़ के दौरान कहीं भीड़ में से कुछ लोग झाड़ियों में खाई की ओर न गिर गए हों।

उन्होंने कहा कि भारी भीड़ को देखते हुए सुबह हादसे से आधा घंटा पहले ही लोगों को सीढ़ियों वाले मार्ग पर जाने से रोक दिया गया था। शाह ने कहा कि अगर ऐसा न किया जाता तो हादसा और बड़ा हो सकता था।

मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

धामी ने कहा कि घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

उन्होंने अधिकारियों को पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

धामी ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए।

भगदड़ की घटना के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री हरिद्वार पहुंचे और अस्पताल में भर्ती हर घायल से बातचीत कर उसका हालचाल जाना। उन्होंने उनसे हादसे के बारे में भी जानकारी ली।

बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों और घायलों के परिजनों को हादसे के बारे में सूचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घायलों और मृतकों के परिजनों को हरिद्वार से उनके गृह नगर तक भेजने की व्यवस्था उत्तराखंड सरकार द्वारा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव को भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था एवं यात्रा मार्गों की व्यवस्था की गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मनसा देवी सहित राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण योजना, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, दिशा संकेतक बोर्ड, पैदल मार्गों पर आपातकालीन निकासी योजना तथा स्थानीय प्रशासनिक समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने को कहा है।

हादसे के बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था जिसे शाम चार बजे फिर खोल दिया गया।

भाषा सं, दीप्ति, रवि कांत

रवि कांत नरेश

नरेश

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