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Sunday, July 27, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता के लिए भोपाल की ‘सकारात्मक सोच’ की सराहना की

Newsप्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता के लिए भोपाल की 'सकारात्मक सोच' की सराहना की

भोपाल, 27 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था ‘सकारात्मक सोच’ की सराहना की और राज्य के बुंदेलखंड के ऐतिहासिक किलों की विशिष्टता का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि बुंदेलखंड के ऐतिहासिक किलों की विशिष्टता और भोपाल की स्वच्छता के प्रति जागरूक महिलाओं की सराहना कर उन्होंने राज्य का उत्साहवर्धन किया है।

यादव ने कहा, ‘यह दिव्य ऊर्जा और नवसंकल्प से अभिभूत करता है। प्रधानमंत्री मोदी जन-जन की शक्ति को राष्ट्र के नव निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।’

मुख्यमंत्री ने यहां वार्ड 50 की गुलमोहर कॉलोनी में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुना। इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बरगद का पौधा भी रोपा।

उन्होंने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम, देशवासियों से सीधा संवाद स्थापित करने का प्रभावी माध्यम बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘इससे देशभर की प्रेरणादायक जानकारियां मिलती हैं, जो राष्ट्र निर्माण के मार्ग में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।’

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था ‘सकारात्मक सोच’ का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें 200 महिलाएं हैं।

उन्होंने कहा, ‘ये सिर्फ सफाई नहीं करती, सोच भी बदलती है। एक साथ मिलकर शहर के 17 पार्कों की सफाई करना, कपड़े के थैले बांटना, इनका हर कदम एक संदेश है। ऐसे प्रयासों की वजह से ही भोपाल भी अब स्वच्छ सर्वेक्षण में काफी आगे आ गया है।’

हाल ही में जारी स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में भोपाल को देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि भोपाल ने स्वच्छता में रैंकिंग से जो अपनी पहचान बनाई है उसके लिए भोपाल वासी बधाई के पात्र हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों के रूप में 12 मराठा किलों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के और हिस्सों में भी ऐसे ही अद्भुत किले हैं, जिन्होंने आक्रमण झेले, खराब मौसम की मार झेली लेकिन आत्मसम्मान को कभी भी झुकने नहीं दिया।

इस क्रम में उन्होंने कहा कि बुन्देलखंड में भी ऐसे कई किले हैं जो हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं।

मोदी ने कहा, ‘ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार, चंदेरी। ये किले सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं है, ये हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। संस्कार और स्वाभिमान, आज भी इन किलों की ऊंची-ऊंची दीवारों से झांकते हैं।’

उन्होंने देशवासियों से इन किलों की यात्रा कर उनके इतिहास और गौरव को जानने का आग्रह किया।

भाषा

ब्रजेन्द्र, रवि कांत रवि कांत

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