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Sunday, July 27, 2025

तमिनाडु में लगाई जाएंगी चोल सम्राट राजराजा चोल और उनके पुत्र राजेंद्र चोल प्रथम की भव्य प्रतिमाएं

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गंगईकोंडा चोलपुरम (तमिलनाडु), 27 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु में रविवार को प्रतिष्ठित चोल सम्राट राजराजा चोल और उनके पुत्र राजेंद्र चोल प्रथम की भव्य प्रतिमाओं का निर्माण कराने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित आदि तिरुवथिरई महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि ये प्रतिमाएं भारत की ऐतिहासिक चेतना के आधुनिक स्तंभ को प्रतिबिंबित करेंगी।

यह उत्सव राजेंद्र चोल के दक्षिण पूर्व एशिया के समुद्री अभियान के 1,000 वर्ष पूरे होने और चोल वास्तुकला के शानदार उदाहरण गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण की शुरुआत का भी स्मरण कराता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ चोल काल में भारत ने जो आर्थिक और सैन्य ऊंचाइयां हासिल कीं, वे आज भी हमें प्रेरित करती हैं। राजराजा चोल ने एक शक्तिशाली नौसेना बनाई, जिसे राजेंद्र चोल ने और मजबूत किया।’’

प्रख्यात तमिल राजाओं को यह सम्मान मोदी की कई तमिल-केंद्रित पहलों के बाद दिया गया है, जिनमें ‘काशी तमिल संगमम’ भी शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2019 में मोदी ने तमिल कवि कनियन पूनकुंदरनार का उल्लेख किया था और उनकी लोकप्रिय ‘यादुम ऊरे’ कविता का जिक्र किया था, जो एकता को रेखांकित करती है।

यहां बृहदेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मोदी ने राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक विशेष सिक्का जारी किया। वैदिक और शैव थिरुमुराई मंत्रोच्चार के बीच मोदी ने भगवान शिव के मंदिर में पूजा अर्चना की।

प्रधानमंत्री के आगमन पर मंदिर के पुजारियों ने पारंपरिक मंदिर सम्मान ‘पूर्ण कुंभम’ के साथ उनका स्वागत किया।

मोदी ने कहा, ‘हमारी शैव परंपरा ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चोल सम्राट इस विरासत के प्रमुख निर्माता थे। आज भी, तमिलनाडु उन सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक है, जहां यह जीवंत परंपरा फल-फूल रही है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राजराजा चोल और राजेंद्र चोल की विरासत भारत की पहचान और गौरव का पर्याय है।’’

उन्होंने कहा कि चोल साम्राज्य का इतिहास और विरासत भारत की वास्तविक क्षमता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहासकार चोल काल को भारत के स्वर्णिम युगों में से एक मानते हैं, जो अपनी सैन्य शक्ति के लिए जाना जाता है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चोल शैव धर्म और वास्तुकला पर आयोजित एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

भाषा शोभना दिलीप

दिलीप

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