मैनचेस्टर, 27 जुलाई (भाषा) भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में ड्रॉ सुनिश्चित करने के बाद अपनी टीम के बल्लेबाजी प्रदर्शन की सराहना की और बेन स्टोक्स के खेल जल्दी समाप्त करने के प्रस्ताव को स्वीकार न करने के फैसले का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर को अपने शतक तक पहुंचने का पूरा हक था।
भारत ने अपनी दूसरी पारी 311 रन पिछड़ने के बावजूद दूसरी पारी में जुझारू बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 143 ओवर में चार विकेट पर 425 रन बनाए। टीम ने बिना कोई रन बनाये दो विकेट गंवाने के बावजूद कप्तान गिल की अगुवाई में शानदार बल्लेबाजी की।
गिल ने 103 रन बनाने के अलावा लोकेश राहुल (90 ) के साथ 188 रन की साझेदारी से मैच में भारत की वापसी कराई जिसके बाद जडेजा (107 नाबाद) और सुंदर (101 नाबाद) ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को सफलता से दूर रखा।
इस दौरान मैच उस समय नाटकीय मोड़ आ गया जब जडेजा और सुंदर ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के मैच के अंतिम घंटे की शुरुआत से पहले ड्रॉ पर सहमति जताने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। बायें हाथ के ये दोनों बल्लेबाज उस समय शतक के करीब थे।
गिल ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘ निश्चित रूप से यह क्रीज पर मौजूद बल्लेबाजों पर निर्भर था। उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और उस समय दोनों 90 रन के करीब थे ऐसे में हमें लगा कि वे शतक के हकदार थे।’’
उन्होंने इस परिणाम का श्रेय बल्लेबाजों को देते हुए कहा, ‘‘हमारी बल्लेबाजी प्रदर्शन को लेकर पिछले कुछ दिनों से हम पर काफी दबाव था। लेकिन टीम ने जिस तरह से हमने जवाब दिया, खासकर शुरुआती दो विकेट गंवाने के बाद, वह कभी आसान नहीं था। एक बहुत ही दिलेर प्रयास था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कोशिश पिच को समीकरण से बाहर करने की थी। मैच के पांचवें दिन पिच से असामान्य उछाल थी ऐसे में हम बस गेंद दर गेंद खेलते हुए मैच को जितना हो सके उतना आगे ले जाना चाहते थे।’’
भारत की पहली पारी के 358 रन के जवाब में इंग्लैंड ने 669 रन बनाये थे।
मौजूदा दौरे पर गिल का यह चौथा शतक था। वह इसके साथ ही वह एक श्रृंखला में सर्वाधिक शतक लगाने वाले कप्तानों की सूची में डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों के साथ शामिल हो गये।
उन्होंने कहा, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने मौजूदा मैच की पारी से पहले कितने रन बनाए हैं, लेकिन हर बार जब आप अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए सफेद शर्ट पहनकर मैदान पर उतरते हैं, तो थोड़ी घबराहट होती है और यही मुझे बताता है कि मुझे इस खेल की कितनी परवाह है और मैं इस खेल से कितना प्यार करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर बार जब मैं बल्लेबाजी करता हूं, तो मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं और जितना हो सके अपनी बल्लेबाजी का आनंद लेना चाहता हूं।’’
स्टोक्स ने भारत को चौथा टेस्ट जल्दी समाप्त करने का प्रस्ताव देने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वह अपनी प्रमुख तेज गेंदबाजों को जोखिम में नहीं डालना चाहते थे क्योंकि मैच निश्चित ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि भारत ने बहुत मुश्किल समय बिताया। वे दोनों (जडेजा और सुंदर) ने अविश्वसनीय रूप से अच्छा खेल रहे थे। मैच उस मोड पर पहुंच गया था जहां से सिर्फ एक ही परिणाम संभव था और मैं अपने किसी भी तेज गेंदबाज को चोटिल होने के जोखिम में नहीं डालना चाहता था।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अपने प्रस्ताव से आधे घंटे पहले ही अपने तेज गेंदबाजों से गेंदबाजी करना बंद कर दिया था।’’
स्टोक्स ने दोनों पारियों में कुल 35 ओवर फेंके और वह अपनी गेंदबाजी के दौरान दाहिने कंधे को लेकर असहज दिखे।
उन्होंने कहा, ‘‘ हां, ईमानदारी से कहूं तो यह सिर्फ काम का बोझ है। जाहिर है मैंने काफी ओवर फेंके हैं।’’
भाषा आनन्द
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