नई दिल्ली, 28 जुलाई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा से भाग रहे हैं, जबकि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में सबने मिलकर इस विषय पर चर्चा का फैसला किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि यह एक तरह से धोखा है और फिर से नई शर्त रखना उचित नहीं है। सदन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद 12 बजकर 10 मिनट पर दोबारा स्थगित होने के बाद रीजीजू ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद में सब चर्चा के लिए तैयार थे। सभी का मत था कि दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होगी। इससे 10 मिनट पहले विपक्षी पार्टियां कहती हैं कि सरकार वादा करे कि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा होगी।’’
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘संसद ऐसे नहीं चलती है। हम लोग एक-दूसरे के विचार सुनकर बीएसी में निर्णय लते हैं। सबने मिलकर फैसला किया था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी।’’
उन्होंने सवाल किया कि अब कांग्रेस और विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘अब नई शर्त नहीं चलेगी। रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) चर्चा शुरू करेंगे। कोई विपक्षी दल पाकिस्तान की भाषा नहीं बोले।’’
इससे पहले, सुबह रीजीजू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ में कहा था, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर पर आज चर्चा शुरू हो रही है…जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो उसके आतंकवादी शिविरों को आग का सामना करना पड़ा।’’