मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) रुपया सोमवार को शुरुआती बढ़त गंवाकर 15 पैसे की गिरावट के साथ 86.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। आयातकों की मासान्त की डॉलर मांग जारी रहने से अमेरिकी मुद्रा में तेजी घरेलू मुद्रा में गिरावट का मुख्य कारण रही।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि एक अगस्त की समयसीमा से पहले भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतजार करते हुए निवेशक सतर्कता के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख ने निवेशकों की धारणा को और प्रभावित किया।
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति के फैसलों से पहले भी निवेशक सतर्क रहे।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 86.47 पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 86.40 प्रति डॉलर के उच्च तथा 86.67 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छुआ। अंत में यह 86.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 15 पैसे की गिरावट है।
रुपया शुक्रवार को 12 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.52 पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘ अधिकतर एशियाई मुद्राओं के रुझान के अनुरूप भारतीय रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट आई है। इस कमजोरी का मुख्य कारण हाल ही में यूरोपीय संघ-अमेरिका व्यापार समझौते के बाद डॉलर में आई मजबूती है।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में विदेशी पूंजी की निकासी ने डॉलर की मजबूती को और बढ़ावा दिया। निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर-भारतीय मुद्रा की जोड़ी के 86.10 से 86.75 के बीच रहने का अनुमान है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.17 पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 572.07 अंक की गिरावट के साथ 80,891.02 अंक पर, जबकि निफ्टी 156.10 अंक फिसलकर 24,680.90 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 69.02 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,979.96 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा निहारिका अजय
अजय