नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि वंदे भारत ट्रेनों के संचालन के लिए भारतीय रेल नेटवर्क पर पटरियों के उन्नयन के कार्य में बीते 10 वर्षों में बड़े पैमाने पर सुधार किया गया है जिससे उनकी गति क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि वर्तमान में वंदे भारत ट्रेनें अर्ध-उच्च गति सेवाएं हैं, जिनकी गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम परिचालन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।
उन्होंने बताया कि किसी भी ट्रेन की औसत गति ट्रैक की ज्योमेट्री, स्टेशनों पर रुकने की संख्या और सेक्शन में चल रहे रखरखाव कार्य जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।
मंत्री ने कहा कि पटरियों के उन्नयन के तहत रेलवे ने कई आधुनिक तकनीकों को अपनाया है, जिनमें चौड़े बेस वाले कंक्रीट स्लीपर, मजबूत वेब स्विच, लंबे रेल पैनल, एच-बीम स्लीपर, और आधुनिक ट्रैक नवीनीकरण और रखरखाव मशीनों का इस्तेमाल शामिल है।
उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों के कारण रेल पटरियों की गति क्षमता में व्यापक वृद्धि हुई है, जिससे वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का संचालन तेज और अधिक कुशल बन पाया है।
वैष्णव ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया है और व्यापक परीक्षण के बाद इस नए वंदे भारत स्लीपर ट्रेनसेट को संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वंदे भारत स्लीपर संस्करण भारतीय रेलवे के लिए सुविधाजनक और आधुनिक लंबी दूरी की यात्रा का विकल्प प्रदान करेगा और इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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मनीषा माधव
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