नई दिल्ली, 28 जुलाई। अगले महीने होने वाले एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता एक बार फिर शुरू होने वाली है, लेकिन इस टूर्नामेंट की घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है और एक सवाल खड़ा हो गया है कि क्या खेल मंत्रालय इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है? जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में अप्रैल में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या किए जाने के बाद लोगों की भावनाएं अब भी उफान पर हैं।
इस भीषण आतंकवादी घटना के कारण दोनों पड़ोसी देशों के बीच संक्षिप्त सैन्य टकराव भी हुआ था। इन घटनाओं के कुछ महीनों बाद अब दोनों देशों की क्रिकेट टीमें एशिया कप में भिड़ेंगी। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘ बीसीसीआई मौजूदा समय में खेल मंत्रालय के दायरे में नहीं आता है क्योंकि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक अभी पारित होना बाकी है। इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करना मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
लेकिन हम देखेंगे कि बीसीसीआई जनभावना पर कैसे प्रतिक्रिया देता है।’’ रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक के रूप में सेवाएं दे चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केजेएस ढिल्लों ने पाकिस्तान के साथ किसी भी क्रिकेट संबंध के बहिष्कार का आह्वान किया है। बीसीसीआई अध्यक्ष और कप्तान सौरव गांगुली ने आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा है कि ‘खेल जारी रहना चाहिए’। खेल मंत्रालय हालांकि इस रुख पर कायम है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय खेल संबंध इस समय ‘असंभव’ है।
वह हालांकि बहुपक्षीय प्रतियोगिताओं में ओलंपिक चार्टर का पालन करेगा जो राजनीतिक मुद्दों के आधार पर किसी भी भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। सरकार ने इसी वजह से कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत आने से नहीं रोकेगी। इस चार्टर का पालन भारत की 2036 ओलंपिक की मेजबानी की दावेदारी के लिए महत्वपूर्ण है। क्रिकेट भी अब ओलंपिक आंदोलन का हिस्सा है और 2028 में टी20 प्रारूप में खेलों में पदार्पण करने के लिए तैयार है। आठ देशों का एशिया कप क्रिकेट की वैश्विक संचालन संस्था आईसीसी की स्पर्धा नहीं है। इसका संचालन एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) द्वारा किया जाता है।
एसीसी का नेतृत्व वर्तमान में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी कर रहे हैं। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान की टीमें 14 सितंबर को ग्रुप चरण में एक दूसरे का सामना करेंगी। इसमें दोनों टीमों के बीच दो और मैच की संभावना है। इन मैचों पर करोड़ों रुपये दांव पर लगे हैं क्योंकि प्रसारकों को भारत बनाम पाकिस्तान मैच से उच्च विज्ञापन दरों की उम्मीद है। सोनी नेटवर्क ने एसीसी से 170 मिलियन डॉलर में आठ साल के प्रसारण अधिकार हासिल किए हैं।
इस महाद्वीपीय आयोजन में भारत-पाकिस्तान का आमना सामना नहीं होने पर चैनल को भारी नुकसान होगा। इसका असर एसीसी के राजस्व अनुमानों पर भी पड़ेगा। यह नुकसान बीसीसीआई को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा लेकिन शेष 24 एसीसी सदस्यों के राजस्व पर व्यापक असर पड़ेगा। इसमें ज्यादातर देश में क्रिकेट लोकप्रिय खेल नहीं है। राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक में एक प्रावधान है जिसके तहत खेल मंत्रालय ‘असाधारण परिस्थितियों’ और ‘राष्ट्रीय हित’ में भारतीय टीमों और व्यक्तिगत एथलीटों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर ‘उचित प्रतिबंध लगाने’ के लिए हस्तक्षेप कर सकता है।
यह विधेयक पिछले सप्ताह संसद में पेश किया गया था, लेकिन इसे अधिनियम बनने में अभी कुछ समय लगेगा क्योंकि इसे राष्ट्रपति की सहमति से पहले लोकसभा और राज्यसभा दोनों की मंजूरी की आवश्यकता होगी। मंत्रालय ने कहा है कि एक बार अधिनियम बनने के बाद बीसीसीआई उसके दायरे में आ जाएगा। सूत्र ने कहा, ‘‘ऐसा होने पर परिदृश्य बदल जाता है। लेकिन अभी यथास्थिति बनी हुई है। यह बीसीसीआई का निर्णय है।’’
भारत और पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद से द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली है। मुंबई में तब पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 150 से अधिक लोगों को मार डाला था। दोनों टीमें हालांकि वैश्विक और एशियाई कप जैसे बहु-राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में एक दूसरे के खिलाफ खेलना जारी रखा है। भाषा आनन्द आनन्द मोनामोना