नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) भारत ने ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के तहत क्रैनबेरी, डूरियन, मशरूम की कुछ किस्मों, लीक, लेट्यूस और आर्टिचोक जैसे विशिष्ट ब्रिटिश कृषि उत्पादों पर शुल्क में रियायत देने का फैसला किया है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, इन उत्पादों का भारत में उत्पादन नगण्य है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ भारत ने ब्रिटेन के कुछ कृषि उत्पादों जैसे क्रैनबेरी, डूरियन, मशरूम की कुछ किस्मों, लीक, लेट्यूस, आर्टिचोक के लिए पहुंच को उदार बनाया है।’’
भारत हालांकि व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) में सेब, अनानास, संतरे और अनार जैसे महत्वपूर्ण फलों पर कोई रियायत नहीं दे रहा है।
कृषि क्षेत्र में 95 प्रतिशत से अधिक भारतीय शुल्क श्रेणियों या उत्पाद श्रेणियों को अब ब्रिटेन के बाजार में शून्य-शुल्क पहुंच प्राप्त होगी।
इसमें कहा गया, ‘‘ भारत-ब्रिटेन सीईटीए से भारतीय किसानों को ब्रिटेन के बाजार में अपने उत्पादों के लिए ‘प्रीमियम’ मूल्य प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इससे उन्हें जर्मनी और नीदरलैंड जैसे प्रमुख यूरोपीय संघ के निर्यातकों के अनुरूप समान अवसर मिलेंगे जो वर्तमान में शून्य शुल्क से फायदे में हैं।’’
बयान में कहा गया, ‘‘ संवेदनशील दुग्ध क्षेत्र में दूध, पनीर, मक्खन, ‘डेयरी स्प्रेड’, घी आदि जैसे दुग्ध उत्पादों से संबंधित शुल्क अनुसूची का पूरा अध्याय चार उस सूची में है जिसे रियायती चीजों से बाहर रखा गया है। इससे हमारे दुग्ध उत्पादकों के हितों की रक्षा होगी।’’
इसी तरह अनाज श्रेणी में गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा जैसी प्रमुख फसलों को भारत का रियायत देने वाले उत्पादों की सूची से बाहर रखा गया है, जिससे इन आवश्यक फसलों के लिए आयात में वृद्धि या मूल्य में कटौती का कोई जोखिम नहीं है।
भाषा निहारिका अजय
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