नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु और केरल सहित छह राज्यों ने संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत एक भी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की सूचना नहीं दी है।
इसके साथ ही 30 जून तक, केंद्रशासित प्रदेशों अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी में स्थापित स्मार्ट बिजली मीटरों की संख्या भी शून्य थी।
सरकार ने वितरण उपयोगिताओं की परिचालन दक्षता और वित्तीय स्थिरता में सुधार के लिए 2021 में 3,03,758 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ महत्वाकांक्षी संशोधित वितरण क्षेत्र योजना शुरू की थी।
बिजली राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जून 2025 तक, आरडीएसएस के तहत कुल 20.33 करोड़ स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 2.27 करोड़ स्मार्ट मीटर देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि स्वीकृत स्मार्ट मीटरों की स्थापना योजना अवधि के अंत तक, यानी मार्च 2028 तक पूरी कर ली जाएगी।
मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, गोवा, केरल, तमिलनाडु, पंजाब और मेघालय में आरडीएसएस के तहत स्मार्ट मीटर की स्थापना शून्य रही। दिल्ली के लिए 3,521 मीटर स्वीकृत किए गए थे जबकि गोवा के लिए 7,50,356; केरल के लिए 1,33,83,001, मेघालय के लिए 4,72,743, पंजाब के लिए 89,81,414 और तमिलनाडु के लिए 3,04,90,774 मीटर स्वीकृत थे।
आंकड़ों के अनुसार 30 जून तक, महाराष्ट्र में 2.40 करोड़ स्वीकृत स्मार्ट बिजली मीटर के मुकाबले लगभग 41.82 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए वहीं असम में 35.63 लाख मीटर लगाए गए जबकि स्वीकृत मीटरों की संख्या 64.45 लाख है।
उत्तर प्रदेश में 2.85 करोड़ स्वीकृत मीटरों के मुकाबले 29.07 लाख मीटर लगाए गए जबकि छत्तीसगढ़ में 30 जून, 2025 तक 61.79 करोड़ स्वीकृत मीटरों के मुकाबले 22 लाख मीटर लगाए गए। मिजोरम में सबसे कम 1,408 स्मार्ट मीटर लगाए गए, जबकि स्वीकृत मीटरों की संख्या 2.92 लाख थी।
भाषा अविनाश माधव
माधव