कोच्चि, 28 जुलाई (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक नन की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोमवार को आलोचना की।
भाजपा ने घोषणा की कि उसके महासचिव अनूप एंटनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस मामले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ का दौरा करेगा।
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि दो नन सहित तीन लोगों को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कथित मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
एलडीएफ और यूडीएफ ने दावा किया कि यह घटना इंगित करती है कि भाजपा शासित राज्य में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं।
केरल के दो मंत्रियों पी राजीव और रोशी ऑगस्टीन ने गिरफ्तार नन प्रीति के परिवार से मुलाकात की।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन और यूडीएफ विधायकों के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी नन के परिजनों से मुलाकात कर उनके साथ एकजुटता व्यक्त की।
कानून मंत्री राजीव ने नन के परिवार से मिलने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि देश में न केवल धार्मिक स्वतंत्रता, बल्कि संविधान भी खतरे में है।
राजीव ने लोगों से आग्रह किया कि वे नन की गिरफ्तारी को केवल अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दे के रूप में न देखें, बल्कि इसे संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता पर व्यापक हमले के तौर पर लें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कड़ा विरोध जताने के साथ-साथ इस मामले को सुलझाने के लिए हर संभव कानूनी उपाय भी तलाश रहे हैं। मुख्यमंत्री ने रोशी ऑगस्टीन और मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने परिवार के सदस्यों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।’’
मंत्री ने कहा कि नयी दिल्ली में राज्य के स्थानीय आयुक्त इस मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं और उन्हें जल्द ही इसका समाधान निकलने की उम्मीद है।
ऑगस्टीन ने दोनों नन की गिरफ्तारी को ‘‘अत्यंत दर्दनाक घटनाक्रम’’ और देश के संविधान के लिए सीधी चुनौती बताया। उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तार नन वर्षों से मिशनरी गतिविधियों में संलग्न थीं और उनके पास सभी वैध दस्तावेज थे।
सतीशन ने गिरफ्तार नन के परिवार से मिलने के बाद कहा कि यह घटना देश में अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने और उन पर हमला किए जाने का नवीनतम उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह समाज में विभाजन पैदा करने, लोगों को एक-दूसरे से लड़ाने और राजनीतिक लाभ हासिल करने का प्रयास है।’’
इस बीच, केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने राज्य के ईसाई पादरियों की आलोचना करते हुए उन पर इस घटना के खिलाफ कड़ा विरोध नहीं दर्ज कराने का आरोप लगाया।
वहीं, भाजपा की प्रदेश इकाई ने सोमवार को कहा कि उसने गिरफ्तार नन के लिए न्याय सुनिश्चित करने के वास्ते हस्तक्षेप किया है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शॉन जॉर्ज ने संवाददाताओं को बताया कि पार्टी की राज्य इकाई और केंद्रीय नेतृत्व ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं कि नन को आगे कोई कठिनाई न हो, बशर्ते उन्होंने कुछ भी गलत न किया हो।
जॉर्ज ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यालयों ने हाल के दिनों में इस मामले में हस्तक्षेप किया है। हम राज्य में नन के परिवार के सदस्यों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं। हमें उम्मीद है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।’’
भाजपा के प्रदेश महासचिव एस सुरेश ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी एक गंभीर मुद्दा है।
पार्टी ने घोषणा की कि अनूप एंटनी के नेतृत्व में एक टीम छत्तीसगढ़ जाएगी।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं और यहां तक कि केरल के एक मंत्री भी इसमें शामिल हैं।
इससे पहले, राज्य के कैथोलिक चर्च ने दो नन की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कड़ी आलोचना की। उसने आरोप लगाया कि ‘‘सिर्फ नन को ही गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान को भी बंधक बनाया गया है।’’
इस बीच, गिरफ्तार नन में से एक प्रीति के परिवार ने सोमवार को उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई।
प्रीति के परिवार ने दावा किया कि नन और पादरी छत्तीसगढ़ में लगातार भय के माहौल में रह रहे थे और उन्होंने पहले भी रिश्तेदारों से फोन हुई बातचीत में अपनी चिंताएं साझा की थीं।
भाषा धीरज पारुल
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