ईटानगर, 28 जुलाई (भाषा) मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश राज्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विकास कदमों की एक व्यापक श्रृंखला की घोषणा की और इस अवसर को ‘‘केवल उत्सव नहीं, बल्कि कार्रवाई के लिए प्रतिबद्धता’’ बताया।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक संदेश में खांडू ने कई ऐतिहासिक परियोजनाओं और राज्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला, जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विद्युतीकरण और युवा विकास पर केंद्रित हैं।
ये पहल राज्य की स्वर्ण जयंती दृष्टि का हिस्सा हैं। इसे समाज के सभी वर्गों के नागरिकों के जीवन पर स्थायी प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार किया गया है।
प्रमुख घोषणाओं में 500 करोड़ रुपये के निवेश से 50 स्वर्ण जयंती मॉडल विद्यालयों की स्थापना शामिल है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर शिक्षा में बदलाव लाना है।
बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सरकार ने स्वर्ण जयंती मेरिट पुरस्कार भी शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत आईआईटी, आईआईएम, एम्स और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) जैसे शीर्ष स्तरीय संस्थानों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
समावेशी विकास को और बढ़ावा देते हुए, खांडू ने स्वर्ण जयंती बेटी योजना शुरू करने की घोषणा की, जिसके तहत राज्य में जन्म लेने वाली बालिका को 50,000 रुपये मिलेंगे।
खांडू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह सम्मान, स्वास्थ्य और सशक्तीकरण की दिशा में एक कदम है।’’ साथ ही उन्होंने जन्म से ही लड़कियों को सक्रिय सरकारी हस्तक्षेप के माध्यम से समर्थन देने के महत्व पर जोर दिया।
स्वर्ण जयंती रूपरेखा में ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को भी प्रमुखता से शामिल किया गया है। खांडू ने घोषणा की कि स्वर्ण जयंती सीमावर्ती ग्राम प्रकाश पहल के तहत 50 सूक्ष्म-जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।
इन परियोजनाओं से दूरदराज के सीमावर्ती गांवों में स्थायी बिजली पहुंचने की उम्मीद है, जिससे जीवन स्तर में सुधार होगा और स्थानीय आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।
स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए, मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य भर में 60 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी और सीएचसी) का स्वर्ण जयंती स्वास्थ्य मिशन के तहत उन्नयन किया जाएगा, जिससे दूर-दराज और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा पहुंच बढ़ेगी।
अरुणाचल प्रदेश बीस फरवरी, 1987 को पूर्ण राज्य बना था। इसे 1972 तक, उत्तर-पूर्व सीमांत एजेंसी (नेफा) के नाम से जाना जाता था। इसे 20 जनवरी, 1972 को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला और इसका नाम बदलकर अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया।
भाषा अमित अविनाश
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