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Monday, July 28, 2025

न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए तीन साल की वकालत का नियम भावी भर्तियों पर लागू होगा: न्यायालय

Newsन्यायिक सेवा परीक्षा के लिए तीन साल की वकालत का नियम भावी भर्तियों पर लागू होगा: न्यायालय

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि प्रवेश स्तर की न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम तीन साल की वकालत का मानदंड तय करने वाला उसका 20 मई का फैसला उक्त आदेश के बाद जारी की गई भर्ती अधिसूचनाओं पर लागू होगा।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस फैसले का उक्त आदेश से पहले जारी की गई भर्ती अधिसूचनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने 20 मई को नये विधि स्नातकों के प्रवेश स्तर की न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी थी और न्यूनतम तीन वर्ष की वकालत का मानदंड तय कर दिया था।

इस पीठ में न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया भी शामिल थे।

पीठ ने सोमवार को नवीद बुख्तिया और पांच अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता पेशे से वकील हैं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग की 14 मई की भर्ती अधिसूचना को चुनौती दी थी, क्योंकि इसमें तीन साल की वकालत के नियम को अनिवार्य नहीं किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, ‘‘आप कह रहे हैं कि यह केवल फैसले के उद्देश्य को विफल करने के लिए किया गया। क्या उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत को पता था कि प्रधान न्यायाधीश 20 मई को फैसला सुनाने वाले हैं।’’

प्रधान न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यह फैसला भावी न्यायिक भर्तियों पर लागू होगा और पहले से शुरू हो चुकी किसी भी भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने फैसले में स्पष्ट किया है कि यह शुरू हो चुकी किसी भी प्रक्रिया पर लागू नहीं होगा और केवल अगले भर्ती वर्ष के लिए ही लागू होगा।’’

इसके बाद याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया गया।

भाषा अमित पारुल

पारुल

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